November 15, 2024

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उपराष्ट्रपति का संदेश : सहिष्णुता और सामाजिक समरसता से ही होगा समृद्ध राष्ट्र निर्माण

नईदिल्ली : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।

नईदिल्ली : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।

अधिकारों से पहले कर्तव्यों को दें प्राथमिकता, युवाओं में राष्ट्रवाद और स्वदेशी अपनाने का आग्रह

नई दिल्ली : नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित महाराजा अग्रसेन तकनीकी शिक्षा संस्था (मेट्स) के रजत जयंती समारोह के समापन पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने समाज में सहिष्णुता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने इसे हमारे सभ्य समाज की बुनियाद बताते हुए कहा कि सहिष्णुता वह मूल्य है, जो हमें एक-दूसरे के प्रति सम्मान और समर्पण का भाव सिखाती है और समाज को सशक्त बनाती है। उन्होंने कहा कि यदि हमारे घर और समाज में शांति है, तभी हमारी संपन्नता और संपत्ति का वास्तविक मूल्य है।

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि समाज में अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाए रखना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हम अधिकारों के प्रति तो सजग रहते हैं, परंतु हर अधिकार एक कर्तव्य से जुड़ा होता है। कर्तव्य को अधिकार से पहले प्राथमिकता दें, तभी हमारा समाज प्रगति कर सकेगा।” उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने सामाजिक कर्तव्यों को समझें और निभाएं, क्योंकि समाज के प्रति जिम्मेदारियां निभाने से ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मतभेदों से ही हमें अपने विचारों को सुधारने का अवसर मिलता है। उन्होंने युवाओं को दूसरों की राय सुनने और उन्हें समझने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “विचारों का आदान-प्रदान एक ऐसा साधन है जो हमें व्यापक दृष्टिकोण देता है और किसी भी मुद्दे पर समग्र दृष्टिकोण अपनाने की क्षमता प्रदान करता है।”

उपराष्ट्रपति ने नई शुरू की गई इंटर्नशिप योजना की सराहना की और इसे युवा पीढ़ी के लिए एक गेम-चेंजर करार दिया। उन्होंने बताया कि इस योजना के माध्यम से युवा अपने कौशल का विकास कर सकेंगे और उद्यमिता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर सकेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह नीति युवाओं में आलोचनात्मक सोच और शोध को प्रोत्साहित करेगी। इस पहल के जरिए युवा न केवल उद्यमिता को बढ़ावा देंगे बल्कि स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर विदेशी आयातों पर निर्भरता भी कम करेंगे।

नई दिल्ली: समारोह में मौजूद डेलिगेट्स।
नई दिल्ली: समारोह में मौजूद डेलिगेट्स।

देश में आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व पर जोर देते हुए धनखड़ ने युवाओं को प्रेरित किया कि वे आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांत को आत्मसात करें। उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्र का आर्थिक विकास हमारे युवाओं के योगदान से ही संभव है। स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें और अपनी उद्यमिता से विदेशी आयात पर निर्भरता घटाने का प्रयास करें। इससे न केवल हमारा आर्थिक विकास होगा बल्कि हमारी सामाजिक संरचना भी सशक्त बनेगी।”

इस अवसर पर कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें जीजीएसआईपी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महेश वर्मा, मेट्स के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नंद किशोर गर्ग, मेट्स के अध्यक्ष विनीत कुमार लोहिया, और छात्रों की बड़ी संख्या शामिल थी। समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति ने युवाओं को भविष्य में नए लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रेरित किया और एक स्वदेशी समर्थ भारत के निर्माण के लिए उनकी सहभागिता की अपील की।

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