भगवान बिरसा मुंडा की ‘माटी के वीर’ पदयात्रा, 150 कॉलेजों के 10 हजार से अधिक युवाओं ने भाग लिया
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ‘माई भारत’ को युवाओं का मंच बताया, किया स्टेडियम की स्थापना का ऐलान
छत्तीसगढ़। जशपुर में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ‘माटी के वीर’ पदयात्रा का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय समेत अन्य मंत्री शामिल हुए, और इस ऐतिहासिक पदयात्रा में 150 कॉलेजों के 10,000 से अधिक युवाओं ने भाग लिया।
माई भारत मंच : युवाओं के सपनों का सफर
डॉ. मंडाविया ने बताया कि माई भारत पोर्टल पर 1.5 करोड़ से अधिक युवा पंजीकृत हैं, जो खेल, कला, और संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित हैं। उन्होंने इस मंच को युवाओं के आशाओं और आकांक्षाओं का केंद्र बताया और युवाओं से राष्ट्र प्रथम का ध्यान रखते हुए देश को विकसित बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
आदिवासी एथलीटों का सम्मान और नई घोषणा
कार्यक्रम में आदिवासी एथलीटों का सम्मान किया गया, जिसमें राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी आकांक्षा रानी, ताइक्वांडो एथलीट प्रतीक बाड़ा और पर्वतारोही नैना धक्कड़ शामिल थे। साथ ही, डॉ. मंडाविया ने जशपुर में एक अत्याधुनिक खेल स्टेडियम की स्थापना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य युवाओं को ओलंपिक 2036 के लिए तैयार करना है।
सेवा का मूल आदर्श और युवा भूमिका
केंद्रीय मंत्री ने निस्वार्थ सेवा के महत्व पर जोर देते हुए युवाओं को आयुष्मान लाभार्थियों और बुजुर्गों के लिए शिविरों में सेवा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि “सेवा हमारे राष्ट्र का मौलिक मूल्य है” और युवाओं को इस दिशा में सक्रिय रहने के लिए प्रेरित किया।
विरासत का उत्सव और पदयात्रा का समापन
भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लेते हुए, पदयात्रा के दौरान पारंपरिक आदिवासी खेलों, व्यंजनों और कला रूपों का प्रदर्शन किया गया। पदयात्रा पुराना नगर मैदान से शुरू होकर रणजीता स्टेडियम में संपन्न हुई, जहाँ युवाओं ने भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी, और भगवान बिरसा की वेशभूषा में सजकर अपने जोश और उत्साह का प्रदर्शन किया।
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