राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देशवासियों को दिया ‘जनजातीय गौरव दिवस’ का संदेश
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में जनजातीय समाज के गौरव, उनकी स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका और आधुनिक विकास में उनके योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने इस अवसर पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के लिए देशवासियों को बधाई दी और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उत्सव का शुभारंभ किया।
राष्ट्रपति ने झारखंड के उलिहातू में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने की अपनी यात्रा को याद किया और जनजातीय गौरव दिवस को प्रधानमंत्री द्वारा शुरु किए गए PM-जनमन अभियान से जोड़ा। उन्होंने संथाल हूल आंदोलन के वीर योद्धाओं की याद की, जो ब्रिटिश शासन के अन्याय का विरोध कर रहे थे, और भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष को नए युवाओं के लिए प्रेरणा बताया।
राष्ट्रपति ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा और तिलका मांझी से लेकर लक्ष्मण नायक तक जनजातीय समाज ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। उन्होंने जनजातीय समाज को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान दिलाने में अपनी भूमिका का उल्लेख किया और अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में इसे संभव बनाया।
राष्ट्रपति ने विकास और कल्याण के हर क्षेत्र में जनजातीय समाज के विकास के लिए केंद्र सरकार के विशेष प्रयासों की चर्चा की। उन्होंने जनजातीय समाज के लिए आवास, चिकित्सा, शिक्षा, और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की बात कही और देश के 750 जनजातीय समूहों के लिए PM-जनमन अभियान और ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ जैसे बड़े अभियान चलाने का जिक्र किया।
राष्ट्रपति ने जनजातीय बच्चों के लिए एकलव्य मॉडल विद्यालयों की स्थापना, सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन, और आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ावा देने वाले प्रयासों को जनजातीय समाज के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
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