November 22, 2024

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सुकमा के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों से मुठभेड़, 10 नक्सली ढेर

सुरक्षाबलों की ऐतिहासिक जीत, इस कार्रवाई को नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है

छत्तीसगढ़ : सुकमा जिले के घने जंगलों में शुक्रवार सुबह हुई भीषण मुठभेड़ ने नक्सलियों के खौफ को बड़ी चुनौती दी। खबर है कि  जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और नक्सलियों के बीच हुई इस मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए। सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से एके-47, एसएलआर समेत कई हथियार बरामद किया है। इस कार्रवाई को नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

खबर के मुताबिक बताया गया कि कोंटा और किस्टाराम इलाके में सक्रिय नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम भेज्जी थाना क्षेत्र के जंगलों में रवाना हुई। यहां कोराजुगुड़ा, दंतेपुरम, नगराम और भंडारपदर गांवों के पहाड़ी इलाकों में माओवादियों के साथ मुठभेड़ हुई। यह ऑपरेशन कई घंटे तक चला, जिसमें सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के ठिकानों को तहस-नहस कर दिया।

सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता

सुकमा के बस्तर क्षेत्र में लंबे समय से नक्सलियों का दबदबा रहा है, लेकिन सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई ने उनकी शक्ति को कमजोर कर दिया है। मुठभेड़ के दौरान बरामद हथियार इस बात का संकेत हैं कि नक्सली बड़ी साजिश की तैयारी में थे। तलाशी अभियान अभी भी जारी है, ताकि इलाके में छिपे अन्य माओवादियों को पकड़ा जा सके।

मुख्यमंत्री का बयान, नक्सलवाद का अंत निकट

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुरक्षाबलों की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा, “यह मुठभेड़ हमारे जीरो टॉलरेंस की नीति का प्रमाण है। बस्तर में शांति और विकास लाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ हमारी मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाती है।”

बस्तर में शांति और विकास पर जोर

सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क, बिजली, पानी और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता इन इलाकों को नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त करना और यहां के निवासियों को सुरक्षित माहौल प्रदान करना है।

ग्रामीणों में सुरक्षा की भावना मजबूत

इस मुठभेड़ के बाद इलाके में ग्रामीणों के बीच सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है। कई लोग इस ऑपरेशन को नक्सलियों के खिलाफ एक निर्णायक मोड़ मान रहे हैं। सुरक्षाबलों की सतर्कता और तेज अभियान से स्थानीय लोगों का सरकार और सुरक्षा बलों पर भरोसा और गहरा हुआ है।

नक्सलियों का कमजोर होता नेटवर्क

विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया मुठभेड़ों से नक्सलियों की ताकत और उनका नेटवर्क लगातार कमजोर हो रहा है। इस मुठभेड़ को नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और स्थायित्व लाने की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

सुकमा की यह मुठभेड़ न केवल सुरक्षाबलों की बहादुरी और रणनीति को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि नक्सलवाद का अंत अब दूर नहीं। सरकार और सुरक्षाबलों के संयुक्त प्रयास से बस्तर में एक नए युग की शुरुआत होने वाली है, जहां शांति और विकास प्रमुख भूमिका निभाएंगे।

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