चिकित्सा विज्ञान : मंकीपॉक्स वायरस की पहचान में क्रांति, वैज्ञानिकों ने खोजी अभूतपूर्व तकनीक

मंकीपॉक्स वायरस की रहस्यमयी संरचना को सुलझाने में सफलता, जी-क्वाड्रप्लेक्स अनुक्रम से खुला सटीक निदान और उपचार का मार्ग
चिकित्सा विज्ञान : मंकीपॉक्स वायरस (एमपीवी), जिसे एमपॉक्स वायरस भी कहा जाता है, ने हालिया वर्षों में दो बार अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) की स्थिति पैदा की है। इसके तेजी से बढ़ते प्रकोप ने वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय को झकझोर दिया है। अब भारतीय वैज्ञानिकों ने इस घातक वायरस की पहचान और निदान के लिए एक अभूतपूर्व तकनीक विकसित की है, जो न केवल सटीक है बल्कि वर्तमान तकनीकों से कई गुना अधिक प्रभावी है।
जी-क्वाड्रप्लेक्स संरचना, निदान का नया आधार
वैज्ञानिकों ने डीएनए में पाई जाने वाली असामान्य संरचनाओं, जिसे जी-क्वाड्रप्लेक्स (जीक्यू) कहा जाता है, को मंकीपॉक्स वायरस के जीनोम में खोजा है। ये संरचनाएं गुआनिन-समृद्ध न्यूक्लिक एसिड से निर्मित होती हैं और बेहद स्थिर तथा संरक्षित होती हैं। अन्य किसी वायरस या मानव जीनोम में इसकी मौजूदगी न होना इसे सटीक और विश्वसनीय निदान का सबसे उपयुक्त लक्ष्य बनाता है।
फ्लोरोसेंट जांच ने बढ़ाई सटीकता
जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) के वैज्ञानिकों ने एक विशेष फ्लोरोसेंट आणविक जांच विकसित की है। यह जांच मंकीपॉक्स वायरस के जीक्यू अनुक्रम का 250 गुना अधिक संवेदनशीलता के साथ पता लगाने में सक्षम है। इस तकनीक ने न केवल मंकीपॉक्स वायरस की पहचान को आसान बनाया है, बल्कि इसे अन्य डीएनए संरचनाओं से अलग करने की अद्वितीय क्षमता भी प्रदान की है।
निदान से आगे, इलाज की दिशा में कदम
जीक्यू संरचनाएं न केवल वायरस के निदान में सहायक हैं, बल्कि भविष्य के एंटी-वायरल उपचार के लिए भी आशाजनक लक्ष्य प्रस्तुत करती हैं। वैज्ञानिक अब मंकीपॉक्स वायरस के जीनोम की गहराई से मैपिंग कर इन संरचनाओं के एंटी-वायरल गुणों का अध्ययन कर रहे हैं। यह शोध वायरस के प्रभावी इलाज और नियंत्रण की नई संभावनाएं खोल सकता है।
प्रवर्धन तकनीकों की सीमाओं को किया पार
मौजूदा तकनीकें अक्सर डीएनए प्रवर्धन से उत्पन्न गलत सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों से ग्रस्त होती हैं। जीक्यू लक्षित जांच इन सीमाओं को पार करते हुए सटीक पहचान और परिणाम प्रदान करती है। यह तकनीक वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखती है।
अभूतपूर्व उपलब्धि का प्रभाव
यह अध्ययन न केवल मंकीपॉक्स वायरस की वायरोलॉजी को समझने में मदद करेगा, बल्कि दुनिया को सटीक निदान और उपचार के लिए एक मजबूत आधार भी प्रदान करेगा। वैज्ञानिकों की यह खोज, मंकीपॉक्स जैसे गंभीर वायरस से निपटने के लिए मानवता की तैयारी में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल एक तकनीकी सफलता है, बल्कि वैज्ञानिक समुदाय के लिए उम्मीद की एक नई किरण है।
यह भी पढ़ें…
जानिए, आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा मेट्रो लाइन का होगा विस्तार
आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें