(अपडेट) झारखंड विधानसभा चुनाव : झामुमो गठबंधन बहुमत के करीब, भाजपा संघर्ष में

झामुमो गठबंधन के रुझानों में बढ़त के बाद कांग्रेस ने अपनी अगली रणनीति तय करने के लिए बैठकों का आयोजन शुरू कर दिया है
चुनाव डेस्क : झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर जनता ने अपना फैसला सुनाने के लिए मतदान किया था और अब नतीजों की घड़ी करीब है। वोटों की गिनती के शुरुआती रुझानों ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन 50 सीटों पर बढ़त बनाते हुए स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ रहा है। यह आंकड़ा बहुमत के लिए जरूरी 41 सीटों से 9 ज्यादा है। दूसरी ओर, भाजपा गठबंधन 30 सीटों पर आगे चल रहा है, जबकि अन्य उम्मीदवार 1 सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं।
झामुमो के खेमे में उत्साह, भाजपा में सन्नाटा
झामुमो गठबंधन के रुझानों में बढ़त के बाद कांग्रेस ने अपनी अगली रणनीति तय करने के लिए बैठकों का आयोजन शुरू कर दिया है। कार्यकर्ता जीत की तैयारी में जुटे हैं, और झामुमो कार्यालय पर उत्सव जैसा माहौल है। वहीं, भाजपा कार्यालय पर हलचल का अभाव साफ नजर आ रहा है।
सबसे ज्यादा मतदान का रिकॉर्ड
इस बार झारखंड की जनता ने लोकतंत्र में अपनी भागीदारी को मजबूती से दर्ज किया है। 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में हुए मतदान में रिकॉर्ड 68% वोटिंग दर्ज की गई, जो राज्य के अब तक के चुनावों में सबसे अधिक है। इससे जनता की बदलती सोच और नई सरकार के प्रति उनकी अपेक्षाओं का पता चलता है।
2019 से 2024 : बदलते समीकरण
पिछले विधानसभा चुनावों में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 47 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया था। झामुमो ने 30 सीटों पर जीत हासिल की थी, कांग्रेस को 16 और राजद को 1 सीट मिली थी। हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी। वहीं, भाजपा को 25 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। इस बार, झामुमो के नेतृत्व वाला गठबंधन न केवल अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है, बल्कि पिछले चुनाव से आगे बढ़ता नजर आ रहा है।
झारखंड की जनता का रुझान गठबंधन के पक्ष में
झामुमो गठबंधन की बढ़त यह संकेत देती है कि जनता ने एक बार फिर क्षेत्रीय मुद्दों और विकास की उम्मीद में इस गठबंधन पर भरोसा जताया है। भाजपा, जो राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत स्थिति में है, राज्य में अपनी पकड़ बनाने के लिए संघर्ष करती दिख रही है। अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को इस बार कोई खास जनसमर्थन नहीं मिल रहा है।
राजनीतिक विश्लेषण : हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो ने पिछली सरकार में विकास और जनहितकारी नीतियों को लेकर सकारात्मक छवि बनाई है। उनकी योजनाओं और क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान देने की नीति ने गठबंधन को मजबूती दी है। कांग्रेस और राजद के समर्थन ने इस गठबंधन को और प्रभावशाली बनाया है।
आगे की संभावनाएं
यदि रुझान अंतिम नतीजों में बदलते हैं, तो झामुमो गठबंधन एक बार फिर राज्य में सरकार बनाएगा। भाजपा को न केवल अपनी हार के कारणों पर आत्ममंथन करना होगा, बल्कि विपक्ष में रहकर अपनी खोई साख वापस पाने की चुनौती का सामना करना होगा।
झारखंड के सियासी समीकरणों पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वोटों की गिनती खत्म होने के बाद सत्ता की कमान किसके हाथ में होगी और झारखंड की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ेगी।
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