स्वास्थ्य : ठंड में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, शुरुआती 6 घंटे बचा सकते हैं जिंदगी
डॉ. एके दास ने कहा, युवाओं में भी तनाव और डिप्रेशन के कारण ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं
स्वास्थ्य : जैसे ही ठंड अपने पैर पसारती है, बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें सबसे गंभीर है ब्रेन स्ट्रोक, जिसकी चपेट में हर उम्र के लोग आ सकते हैं। एसकेएमसीएच के औषधि विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एके दास ने बताया कि ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। शुरुआती छह घंटे इसमें बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। सही समय पर इलाज न मिलने से मरीज की जान जाने का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. दास ने कहा कि युवाओं में भी तनाव और डिप्रेशन के कारण ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं। ठंड में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसे कारकों का अनियंत्रित होना इसे और खतरनाक बना देता है। इसके साथ ही शराब और सिगरेट की लत, शारीरिक श्रम की कमी और अनियमित जीवनशैली भी ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देती है।
ठंड के मौसम में सिर्फ ब्रेन स्ट्रोक ही नहीं, बल्कि मांसपेशियों की ऐंठन, माइग्रेन, अर्थराइटिस और न्यूरोपैथी जैसे मामले भी बढ़ जाते हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब लोग लापरवाही बरतते हैं। डॉ. दास के मुताबिक, युवाओं में इसके जोखिम ज्यादा होते हैं, क्योंकि उनकी दिनचर्या में तनाव और शारीरिक सक्रियता की कमी होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि सिगरेट पीने वालों के दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता, जिससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। शराब और तंबाकू का सेवन भी इस समस्या को और गंभीर बना देता है। इसलिए इन आदतों को तुरंत छोड़ना जरूरी है।
डॉ. दास ने सेहतमंद रहने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। उनका कहना है कि ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, अलसी, अखरोट और सोयाबीन जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। साथ ही चीनी का उपयोग कम से कम करना और तनाव को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। तनाव को दूर करने के लिए मेडिटेशन, व्यायाम और योग सबसे प्रभावी उपाय हैं।
इस ठंड के मौसम में यदि किसी को ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण महसूस हों, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। शुरुआती छह घंटे इस बीमारी के लिए निर्णायक होते हैं। सही समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार जीवनशैली में बदलाव करना और ठंड के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतना ही इस खतरनाक बीमारी से बचने का सबसे कारगर तरीका है।
(एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर (बिहार) के औषधि विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एके दास से अरुण शाही की खास बातचीत की रिपोर्ट…)
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