लेबनान में तबाही का मंजर, इजराइली हमलों से सैकड़ों जिंदगियां तबाह, बस्ता में 29 की मौत

लेबनान में तबाही का मंजर।
लोगों के मुताबिक हमले अचानक और इतने भयंकर थे कि जान बचाने का भी मौका नहीं मिला
नई दिल्ली : इजराइली वायुसेना के हमलों ने लेबनान की राजधानी बेरूत समेत पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। रविवार को बेरूत के बस्ता इलाके में हुए हवाई हमले में एक बहुमंजिली इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गई, जिसमें 29 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह इलाका घनी आबादी वाला है और वहां चीख-पुकार और बिखरे मलबे के बीच एक भयावह तस्वीर उभर कर सामने आई है।
दहीये में हिज़्बुल्लाह पर सटीक प्रहार
इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने दावा किया है कि दहीये में हिज़्बुल्लाह के 12 रणनीतिक ठिकानों को नष्ट किया गया है। इनमें इंटेलिजेंस यूनिट, मिसाइल लॉन्च सिस्टम और हथियारों की तस्करी में लिप्त यूनिट 4400 शामिल हैं। इजराइली सेना के अनुसार, ये ठिकाने आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और संचालन के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। हालांकि, इन हमलों में आम नागरिकों की भारी क्षति ने पूरे क्षेत्र को शोक में डाल दिया है।
बचा नहीं शमिस्तार, बाअलबेक में भी हमले
बेरूत के बाहर, पूर्वी लेबनान के बाअलबेक-हर्मल क्षेत्र में भी इजराइली वायुसेना ने हमले किए। शमिस्तार गांव में हुए हमले में 13 लोगों की मौत हुई, जिनमें चार मासूम बच्चे भी शामिल हैं। यहां के लोगों ने बताया कि हमले इतने अचानक और भयंकर थे कि जान बचाने का भी मौका नहीं मिला। आसपास के अन्य गांवों में हुए हमलों में 11 लोग मारे गए और 32 घायल हो गए।
टायर पर हमले ने और गहरा किया जख्म
दक्षिणी लेबनान के टायर शहर में इजराइली बमबारी ने भी कहर बरपाया। पांच लोगों की मौत और 19 घायल होने की खबर ने इस शहर को भी शोक में डुबो दिया। लगातार हो रहे हमलों ने स्थानीय आबादी को घर छोड़कर पलायन करने पर मजबूर कर दिया है।
हिज़्बुल्लाह के खिलाफ इजराइल का ‘ऑपरेशन’ जारी
इजराइल का कहना है कि हिज़्बुल्लाह के ठिकानों को नष्ट करना उसके सैन्य अभियान का मुख्य उद्देश्य है। सितंबर के बाद से हुए हमलों में कई हिज़्बुल्लाह कमांडरों की मौत हो चुकी है। लेकिन इन हमलों का असर अब पूरे लेबनान पर दिखने लगा है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों में अब तक 3,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, और 10 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।
नागरिकों पर भारी पड़ा संघर्ष
इजराइली सेना ने दावा किया कि उसने कई इलाकों में हमले से पहले निकासी के आदेश जारी किए थे। लेकिन बस्ता और अन्य इलाकों के निवासियों का कहना है कि बमबारी इतनी भीषण थी कि कहीं भागने का मौका ही नहीं मिला। बस्ता के मलबे में दबे लोगों को बचाने में जुटी राहत टीमों ने कहा कि हालात बेहद दर्दनाक और मुश्किल थे।
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