प्रियंका गांधी ने ली सांसद पद की शपथ
इस अवसर पर उनके हाथ में संविधान की प्रति ने खासा ध्यान खींचा, वायनाड उपचुनाव में प्रियंका ने 4.10 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की
नई दिल्ली : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज वायनाड लोकसभा सीट से निर्वाचित सांसद के रूप में शपथ ग्रहण की। इस अवसर पर उनके हाथ में संविधान की प्रति ने खासा ध्यान खींचा। कांग्रेस ने संविधान को केंद्र में रखकर पिछले लोकसभा चुनाव में अपनी रणनीति बनाई थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि सत्तारूढ़ भाजपा संविधान संशोधन और आरक्षण खत्म करने की मंशा रखती है।
प्रियंका गांधी ने अपने इस कदम से न केवल विपक्षी नैरेटिव को और मजबूत किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि संविधान उनके और उनकी पार्टी के लिए सर्वोपरि है। इस शपथ ग्रहण में प्रियंका के साथ उनकी मां सोनिया गांधी, भाई राहुल गांधी, पति रॉबर्ट वाड्रा और उनके दोनों बच्चे रिहान और मिराया भी मौजूद थे। यह पारिवारिक उपस्थिति उनके राजनीतिक सफर की एक नई शुरुआत को चिह्नित करती है।
कम्युनिस्ट उम्मीदवार को भारी अंतर से हराया
वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी ने 4.10 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। इस जीत ने कांग्रेस के लिए एक बड़ी सफलता सुनिश्चित की, खासकर दक्षिण भारत में पार्टी की मजबूत पकड़ को दोबारा स्थापित करने में। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के प्रत्याशी सत्यन मोकेरी को हराया, जबकि भाजपा की नव्या हरिदास तीसरे स्थान पर रहीं।
वायनाड में यह उपचुनाव राहुल गांधी के सांसद पद से इस्तीफे के बाद हुआ था। प्रियंका गांधी की जीत ने कांग्रेस के लिए न केवल एक सीट बचाई बल्कि यह भी साबित किया कि गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत अब एक नई पीढ़ी के साथ आगे बढ़ रही है।
लोकसभा में संविधान की राजनीति
प्रियंका गांधी का संविधान लेकर शपथ लेना कोई नई रणनीति नहीं है। इससे पहले 2019 में अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने संविधान की प्रति के साथ शपथ ली थी। यह कदम भाजपा की नीतियों के खिलाफ विपक्ष का सांकेतिक विरोध रहा है। प्रियंका ने इस परंपरा को आगे बढ़ाकर न केवल अपनी पार्टी के स्टैंड को दोहराया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि उनकी राजनीति का आधार लोकतंत्र और संविधान की रक्षा पर टिका है।
परिवार की राजनीतिक विरासत का विस्तार
इस शपथ ग्रहण के दौरान गांधी परिवार की उपस्थिति ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि प्रियंका गांधी अब सक्रिय राजनीति में एक नई भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। राहुल गांधी जहां रायबरेली से सांसद हैं, वहीं सोनिया गांधी राज्यसभा की सदस्य हैं। प्रियंका की वायनाड से जीत ने गांधी परिवार की राजनीतिक पकड़ को और मजबूत किया है।
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