ग्रामीण भारत के उत्थान की कहानी

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान
- महिला सशक्तिकरण, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की ऐतिहासिक पहल।
नई दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपलब्धियों को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य गांवों को केवल विकास योजनाओं से जोड़ना नहीं है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। ग्रामीण भारत के उत्थान में महिला सशक्तिकरण, रोजगार गारंटी और आवास योजनाओं ने एक क्रांतिकारी बदलाव का सूत्रपात किया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना : गरीबों के सपनों को घर मिला
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब तक 2.67 करोड़ घरों का निर्माण हो चुका है। मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ घरों का लक्ष्य पूरा करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। इस योजना का विस्तार करते हुए अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ नए घर बनाने की घोषणा की गई है, जिसकी लागत 3.06 लाख करोड़ रुपये होगी।
योजना में पात्रता शर्तों को सरल बनाते हुए मासिक आय सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है। उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन और सौभाग्य योजना जैसे कार्यक्रमों के साथ समन्वय कर लाभार्थियों को शौचालय, रसोई गैस और बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। हर घर को सोलर रूफटॉप से जोड़ा जा रहा है, जिससे बिजली के खर्च में कमी आएगी। यह योजना न केवल एक घर, बल्कि सम्मान, सशक्तिकरण और एक बेहतर भविष्य की नींव है।
मनरेगा : रोजगार का संजीवनी स्रोत
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 123 करोड़ श्रमदिवस सृजित किए गए हैं। 46,907 करोड़ रुपये की निधि जारी की गई है, और 43.81 लाख कार्य पूरे हो चुके हैं। यह योजना ग्रामीण परिवारों के लिए स्थायी रोजगार का मजबूत आधार बन चुकी है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: हर गांव तक सड़क, हर दिल तक पहुंच
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत अब तक 7,058 किलोमीटर सड़क का निर्माण और 1,067 बस्तियों को जोड़ा गया है। चौथे चरण में विकलांग व्यक्तियों और बुजुर्गों के लिए सड़कें अधिक अनुकूल बनाई जाएंगी। इस योजना के तहत 15 राज्यों में सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है।
लखपति दीदियां: आर्थिक स्वतंत्रता का उदाहरण
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत 15 लाख नई लखपति दीदियां जोड़ी गई हैं, जिससे देश में इनकी संख्या 1.15 करोड़ हो गई है। सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्रों (सीएमटीसी) की संख्या को बढ़ाकर 301 किया गया है। यह केंद्र महिलाओं को आजीविका में स्थायित्व प्रदान कर रहे हैं।
मिशन अमृत सरोवर: जल संरक्षण में जनभागीदारी
मिशन अमृत सरोवर के तहत अब तक 68,000 से अधिक सरोवरों का निर्माण/पुनर्जीवन किया जा चुका है। यह पहल न केवल जल संरक्षण सुनिश्चित कर रही है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन भी बना रही है।
डिजिटल पहल: पारदर्शिता और प्रभावशीलता
मनरेगा कार्यों को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए युक्तधारा पोर्टल और जनमनरेगा-II ऐप लॉन्च किए गए हैं। ये डिजिटल प्लेटफॉर्म योजना की निगरानी और क्रियान्वयन में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
ग्रामीण कौशल विकास: युवाओं के लिए अवसर
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) के तहत ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इस पहल के माध्यम से 60,765 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है और 45,615 को रोजगार मिला है।
नई ऊर्जा से सराबोर ग्रामीण भारत
सरकार की योजनाएं न केवल गरीबों के जीवन में नई रोशनी ला रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रही हैं। महिला सशक्तिकरण, रोजगार और जल संरक्षण जैसे कदम यह साबित करते हैं कि ग्रामीण भारत अब विकास की नई परिभाषा लिख रहा है।
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