खरमास में क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य…?, जानें ज्योतिषीय महत्व

16 दिसंबर से 14 जनवरी तक शुभ कार्यों पर विराम, जानें क्या करना है वर्जित और क्यों…?
✍ अरुण शाही की रिपोर्ट ✍
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। हर महीने सूर्य अपनी राशि बदलते हैं, और इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है। इस बार 16 दिसंबर 2024 को सुबह 7:40 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जिसके साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी। इस खगोलीय घटना का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है, क्योंकि खरमास के दौरान सभी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। खरमास 14 जनवरी 2025 तक रहेगा, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस अवधि को आत्मचिंतन और धर्म-कर्म के लिए सर्वोत्तम माना गया है, लेकिन जीवन के बड़े फैसलों और शुभ कार्यों के लिए इसे अशुभ समझा जाता है।
खरमास का आरंभ होते ही शादी-विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार शुरू करने या वाहन खरीदने जैसे सभी शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि खरमास के दौरान ऐसे कार्य करने से जीवन में बाधाएं और परेशानियां आ सकती हैं। इसलिए इस समय विवाह या अन्य मांगलिक कार्यों की अनुमति नहीं दी जाती। नए घर, फ्लैट, या प्लॉट की खरीदारी और गृह प्रवेश भी इस अवधि में वर्जित है। इस दौरान दुकान की ओपनिंग या व्यापार की शुरुआत को भी टालने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह समय शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं है, लेकिन आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। खरमास के दौरान व्यक्ति को आत्मनिरीक्षण, ध्यान, और धर्म-कर्म में समय व्यतीत करना चाहिए। इस अवधि में देवताओं की पूजा, जप, और दान को विशेष महत्व दिया गया है। यह समय आत्मचिंतन और आध्यात्मिक उन्नति का होता है, जब व्यक्ति अपने अंदर की शक्तियों को पहचान सकता है।
ऐसे में यह सलाह दी जाती है कि इस महीने को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ बिताएं और जीवन में संतुलन बनाए रखें। अगर आप कोई शुभ कार्य करने की योजना बना रहे हैं, तो इसे 16 दिसंबर से पहले निपटा लें या फिर 14 जनवरी के बाद करने का विचार करें। खरमास के समाप्त होने तक संयम और धैर्य बनाए रखना सबसे अच्छा उपाय है।
खरमास का महत्व केवल ज्योतिषीय दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि धार्मिक और सामाजिक पहलुओं से भी जुड़ा हुआ है। यह समय जीवन में संतुलन और अनुशासन लाने का अवसर देता है। इसे अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने और आत्मचिंतन के लिए उपयोग करें।
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