May 31, 2025

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संसद के मकर द्वार पर हंगामा,  धक्का-मुक्की से राजनीति गरमाई

संसदीय गरिमा पर सवाल : इस घटना ने राजनीतिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं

नई दिल्ली : संसद परिसर में आज का दिन अभूतपूर्व घटनाओं का गवाह बना। जहां एक ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आंबेडकर के सम्मान में प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद भी जवाबी प्रदर्शन में जुटे थे। लेकिन मामला तब बिगड़ गया जब संसद के मकर द्वार पर दोनों दलों के नेताओं के बीच तीखी बहस धक्का-मुक्की में बदल गई। इस घटना ने राजनीतिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रदर्शन से हिंसा तक का सफर

कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान को लेकर प्रदर्शन की योजना बनाई थी। राहुल और प्रियंका गांधी समेत तमाम नेता नीले कपड़ों में आंबेडकर का सम्मान जताने पहुंचे थे। लेकिन दोपहर तक माहौल बदल गया। मकर द्वार पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच जोरदार झड़प हुई। इस दौरान भाजपा सांसद प्रताप सारंगी गिर गए और उन्हें चोटें आईं। भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हुए। इन घटनाओं ने ‘जय भीम’ के सम्मान से जुड़ी इस लड़ाई को शारीरिक टकराव की ओर मोड़ दिया।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत दोनों घायल सांसदों से फोन पर बात की और उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए। महिला सांसद फिफिया कोन्याक ने राहुल गांधी पर धक्का देने का आरोप लगाया है। भाजपा ने इस मामले को आगे बढ़ाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने भाजपा पर हिंसक राजनीति करने का आरोप लगाया। प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा ने जानबूझकर प्रदर्शन को हिंसक बनाया। उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण था, लेकिन भाजपा ने इसे भटकाने की कोशिश की।

भाजपा और कांग्रेस में तीखी बहस

राहुल गांधी ने इस झड़प पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा सांसदों ने संसद में उनके प्रवेश को बाधित करने की कोशिश की। उन्होंने इसे उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करार दिया। प्रियंका गांधी ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “यह झगड़ा आंबेडकर के विचारों और दलितों के अधिकारों के खिलाफ भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है।”

‘जय भीम’ से जुड़ी राजनीति

प्रियंका गांधी ने भाजपा पर यह भी सवाल उठाया कि वे ‘जय भीम’ का नारा क्यों नहीं लगाते। उन्होंने कहा कि यह नारा केवल आंबेडकर का सम्मान नहीं, बल्कि समानता और न्याय का प्रतीक है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की चुप्पी उनकी विचारधारा को स्पष्ट करती है।

संसद में प्रवेश बाधित करने का आरोप-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने संसद परिसर में हुई घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “संसद में जाना हमारा अधिकार है, लेकिन भाजपा सांसदों ने न केवल इसे बाधित किया, बल्कि धक्का-मुक्की और धमकाने का भी प्रयास किया।” उन्होंने यह भी कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और सत्तापक्ष का यह रवैया उनकी तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। राहुल गांधी का यह बयान विपक्ष के लिए एक नई रणनीतिक लड़ाई का आधार बन सकता है, जहां लोकतांत्रिक मूल्यों की बहस को केंद्र में रखा जाएगा।

धक्का-मुक्की से बढ़ता राजनीतिक तनाव

इस घटना के बाद संसद के बाहर और भीतर तनाव बढ़ता दिखा। भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस की साजिश बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला करार दिया। विश्लेषकों का मानना है कि इस टकराव से आंबेडकर के सम्मान की बजाय राजनीतिक विवाद ज्यादा प्रमुख हो गया है। भाजपा ने कांग्रेस को घेरने का नया मुद्दा बना लिया है, जबकि कांग्रेस इसे सत्ताधारी दल की तानाशाही करार दे रही है।

सियासी गरिमा पर चोट

संसद के मकर द्वार पर हुआ यह विवाद भारतीय राजनीति में गरिमा और मर्यादा के सवाल उठाता है। ‘जय भीम’ के नारों और आंबेडकर के विचारों की बात से शुरू हुआ यह मामला अब आरोप-प्रत्यारोप और धक्का-मुक्की तक सिमट गया है। दोनों दलों के नेताओं को आत्ममंथन करना चाहिए कि क्या ऐसे विवाद आंबेडकर के आदर्शों का सम्मान करते हैं या उनके मूल विचारों से भटकाते हैं।

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