October 22, 2025

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नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर तेजस्वी यादव का तीखा हमला

तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव

  • जनता के पैसों से राजनीतिक पर्यटन का आरोप, 20 साल में अनसुलझे सवालों की सूची पेश।

पटना : राज्य में 23 दिसंबर से प्रस्तावित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने इस यात्रा को जनता के पैसे का दुरुपयोग और राजनीतिक पर्यटन करार दिया। तेजस्वी ने कहा कि 20 वर्षों के लंबे शासनकाल और बार-बार यात्राएं करने के बावजूद मुख्यमंत्री राज्य की बुनियादी समस्याओं को न तो समझ पाए और न ही उनका समाधान कर पाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से यात्रा शुरू करने से पहले जनता से माफी मांगने की मांग की।

225 करोड़ की यात्रा, लेकिन क्या हासिल?

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री इस यात्रा पर 225 करोड़ 78 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं, लेकिन इससे जनता को क्या लाभ होगा? उन्होंने कहा कि यह पैसा राज्य की शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था। उन्होंने सवाल उठाया कि इतने भारी-भरकम खर्च के बावजूद बिहार की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम क्यों है और मानव विकास सूचकांक में राज्य सबसे पिछड़ा क्यों है।

उन्होंने यह भी कहा कि 36.7% स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं हैं, और 5681 स्कूल बिना भवन के संचालित हो रहे हैं। यह स्थिति तब है जब 933 स्कूलों के पास अपनी भूमि उपलब्ध है। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करता है।

स्वास्थ्य क्षेत्र की दुर्दशा

तेजस्वी यादव ने बिहार के स्वास्थ्य ढांचे की बदहाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की स्थिति बेहद खराब है। उपकरणों, डॉक्टरों और दवाओं की कमी ने राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को कमजोर कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब राजद सरकार में 17 महीने के लिए सत्ता में थी, तब स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मिशन-60 और मिशन परिवर्तन जैसे कदम उठाए गए थे।

लेकिन पिछले एक साल में यह स्थिति फिर से बदतर हो गई है। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याओं को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया।

रिश्वतखोरी और प्रशासनिक गिरावट

तेजस्वी यादव ने राज्य के प्रशासनिक तंत्र पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि थानों और सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी आम हो चुकी है। अफसरशाही और भ्रष्टाचार ने प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर कर दिया है। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री इतने वर्षों में इस समस्या को ठीक क्यों नहीं कर पाए।

चीनी मिलों और बेरोजगारी पर सवाल

तेजस्वी ने बिहार की बंद पड़ी चीनी मिलों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने इन मिलों को फिर से शुरू कराने की कोई कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि राजद सरकार ने रीगा चीनी मिल को फिर से शुरू कराने का प्रस्ताव पास किया था, लेकिन डबल इंजन सरकार होने के बावजूद नीतीश कुमार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

बेरोजगारी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 10 लाख पद खाली हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने इन पदों को भरने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई। उन्होंने कहा कि हर दूसरे घर से लोग रोजगार की तलाश में राज्य से बाहर पलायन कर रहे हैं।

आपदा प्रबंधन की अनदेखी

तेजस्वी ने बाढ़ और सुखाड़ जैसी आपदाओं का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने इन समस्याओं पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हर साल आधा बिहार बाढ़ या सुखाड़ से जूझता है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इन समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई।

किसानों की समस्या और खाद की किल्लत

तेजस्वी ने कहा कि बिहार के किसान खाद की कमी और कालाबाजारी से जूझ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार होने के बावजूद राज्य के किसानों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

मुख्यमंत्री की कमजोर घोषणाएं

तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर बार-बार यात्राएं करने के दौरान किए गए वादों और घोषणाओं को पूरा न करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी कमजोर प्रशासनिक क्षमता और असफल नेतृत्व से राज्य को पीछे धकेल दिया है।

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