उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को करोड़ों का अनुदान

ग्रामीण पंचायतों के सशक्तिकरण से बदलेगा गांवों का भविष्य, स्वच्छता और जल प्रबंधन के लिए बढ़ेगा आर्थिक सहयोग
नई दिल्ली : पंचायती राज मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में ग्रामीण स्थानीय निकायों को मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश को 1598.80 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को 446.49 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया। इस धनराशि का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं को सुदृढ़ करना और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
उत्तर प्रदेश में यह अनुदान राज्य की 75 जिला पंचायतों, 826 ब्लॉक पंचायतों और 57,691 ग्राम पंचायतों को वितरित किया जाएगा। वहीं, आंध्र प्रदेश में यह धनराशि 13 जिला पंचायतों, 650 ब्लॉक पंचायतों और 13,097 ग्राम पंचायतों को सौंपी जाएगी।
गांवों की समस्याओं का समाधान
यह अनुदान स्वच्छता और ओडीएफ स्थिति के रखरखाव, घरेलू कचरे के प्रबंधन और जल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन, और जल पुनर्चक्रण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उपयोग किया जाएगा। पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से इस धनराशि का उपयोग ग्रामीण जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।
स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने की दिशा में कदम
पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा जारी यह अनुदान भारत में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त बनाने का कार्य करेगा। यह स्थानीय प्रशासन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर न केवल जवाबदेही बढ़ा रहा है, बल्कि समावेशी विकास को भी प्रोत्साहित कर रहा है।
प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के दृष्टिकोण के अनुरूप, यह पहल ग्रामीण भारत में परिवर्तन लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हर गांव अब अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विकास कार्यों को अंजाम दे सकेगा, जिससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि पूरे देश की प्रगति में भी योगदान मिलेगा।
यह अनुदान ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वच्छता, जल प्रबंधन और बुनियादी सेवाओं की दिशा में एक नई आशा लेकर आया है। इसे आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत की ओर एक मजबूत कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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