May 31, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

प्रधानमंत्री ने खजुराहो से देश को दी विकास की नई दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

  • अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर श्रद्धांजलि। जारी किए डाक टिकट और सिक्का।

मध्य प्रदेश : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास करते हुए इसे बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक बताया। यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों को सिंचाई और पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही, यह हरित ऊर्जा उत्पादन में 100 मेगावाट से अधिक का योगदान करेगी। इस परियोजना के जरिए लगभग 11 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचाई के दायरे में आएगी, जिससे लाखों किसानों और ग्रामीण परिवारों को फायदा होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जल सुरक्षा 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। जल की उपलब्धता के बिना समृद्धि की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि गुजरात की नर्मदा नदी ने उनके राज्य का भाग्य बदला और अब केन-बेतवा परियोजना बुंदेलखंड के भाग्य को बदलने वाली है। उन्होंने बुंदेलखंड के किसानों और महिलाओं के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पानी की एक-एक बूंद के लिए पीढ़ियों से संघर्ष हो रहा है, जिसे यह परियोजना हमेशा के लिए खत्म कर देगी।

प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर उन्हें याद करते हुए कहा कि अटल जी ने सुशासन की परंपरा स्थापित की। उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री ने डाक टिकट और सिक्का जारी किया। इसके साथ ही, उन्होंने 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों की नींव रखी। इन भवनों को गांवों में सुशासन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया, जो पंचायत स्तर पर प्रशासनिक सुधार और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायक होंगे।

प्रधानमंत्री ने खजुराहो में ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना का उद्घाटन करते हुए हरित ऊर्जा और जल संरक्षण पर बल दिया। यह परियोजना जल वाष्पीकरण को कम करने और कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद करेगी। इसके साथ ही, यह परियोजना सरकार के 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में पिछले एक दशक को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पहली बार जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया, जिससे जल संकट के स्थायी समाधान के प्रयासों को नई दिशा मिली। जल जीवन मिशन के तहत पिछले पांच वर्षों में 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन दिए गए। उन्होंने कहा कि 1947 से 2014 तक केवल 3 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन मिल पाए थे, जबकि उनकी सरकार ने रिकॉर्ड समय में यह संख्या चार गुना बढ़ा दी। उन्होंने देशभर में 60,000 से अधिक अमृत सरोवरों और तीन लाख से अधिक रिचार्ज कुओं के निर्माण का उल्लेख किया, जो जल संकट को दूर करने के लिए बड़े कदम साबित हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए केन-बेतवा परियोजना को वरदान बताते हुए कहा कि यह परियोजना जल सुरक्षा, सिंचाई और हरित ऊर्जा के साथ-साथ रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी नए अवसर लाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सागर जैसे जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश के झांसी, महोबा और बांदा जिलों को भी फायदा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने पर्यटन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश की संभावनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि खजुराहो जैसे ऐतिहासिक स्थलों को बेहतर पर्यटन सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। जी-20 बैठकों का आयोजन खजुराहो जैसे स्थलों को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास है। उन्होंने खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र और स्वदेश दर्शन योजना के तहत बनाए जा रहे ईको सर्किट और हेरिटेज सर्किट का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई के क्षेत्र में नए प्रयासों के चलते मध्य प्रदेश में पांच लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई के लिए सक्षम बनाया गया है। जल शक्ति अभियान, अटल भूजल योजना और जल संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों को अपनाने की दिशा में उनकी सरकार के प्रयासों को उन्होंने इस सफलता का आधार बताया।

प्रधानमंत्री ने खजुराहो और बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि यहां की परियोजनाएं न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का काम करेंगी। उन्होंने कहा कि सुशासन और विकास का यह मॉडल देश के हर हिस्से में लागू होगा। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर मध्य प्रदेश को देश की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने का काम जारी रखेंगी।

इस अवसर पर राज्यपाल मंगूभाई सी. पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, वीरेंद्र कुमार, और जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें.. 

आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें…

error: Content is protected !!