‘INDIA’ गठबंधन में बढ़ा टकराव : आप ने कांग्रेस को बाहर करने के दिए संकेत

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद विपक्षी एकता पर सवाल, तृणमूल और सपा ने जोड़े नए समीकरण
नई दिल्ली : विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में मतभेद गहराते जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने संकेत दिए हैं कि वह कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने पर विचार कर सकती है। यह तनाव कांग्रेस नेता अजय माकन के हालिया बयानों के बाद और बढ़ गया है। माकन ने बुधवार को ‘INDIA’ गठबंधन को एक भूल करार दिया और 2013 में अरविंद केजरीवाल की 40 दिन की सरकार को समर्थन देने को कांग्रेस की दिल्ली में राजनीतिक गिरावट का कारण बताया।
आप और कांग्रेस में बढ़ते तनाव
आप ने गुरुवार को संकेत दिया कि पार्टी कांग्रेस नेतृत्व से “अत्यधिक असंतुष्ट” है और अन्य गठबंधन दलों से परामर्श कर कांग्रेस को ‘INDIA’ से बाहर करने पर विचार कर सकती है। आप के इस रुख के बीच तृणमूल कांग्रेस ने भी कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं। तृणमूल ने ममता बनर्जी को गठबंधन की प्रमुख बनाने का सुझाव दिया है, जिसे कई दलों का समर्थन भी मिला है।
इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 16 दिसंबर को दिल्ली में एक आप कार्यक्रम में भाग लेकर आप के साथ अपनी निकटता का संकेत दिया।
दिल्ली चुनाव और अलग राहें
दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी में होने हैं और कांग्रेस तथा आप ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने आप पर तीखे हमले किए हैं। माकन ने आरोप लगाया कि आप ने जनलोकपाल आंदोलन के जरिए सत्ता तो हासिल कर ली, लेकिन भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल स्थापित करने में असफल रही।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
आप की दिल्ली मुख्यमंत्री अतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर गठबंधन को कमजोर करने और विपक्षी एकता को खतरे में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “क्या कांग्रेस ने कभी बीजेपी नेताओं पर ऐसे आरोप लगाए हैं? कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल और मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है, लेकिन बीजेपी के खिलाफ कभी ऐसा कदम नहीं उठाया।”दूसरी ओर, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव और अन्य नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल पर हमला करते हुए उन्हें ‘फ्रॉड का राजा’ कहा।
गठबंधन की भविष्य की राह
‘INDIA’ गठबंधन की यह कड़ी चुनौती विपक्षी एकता के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। जहां एक तरफ आप और कांग्रेस आमने-सामने हैं, वहीं तृणमूल और सपा जैसे दल नए समीकरण बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। यह देखना बाकी है कि यह विवाद गठबंधन के भविष्य को किस दिशा में ले जाएगा।
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