पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन, राष्ट्रीय शोक की घोषणा

प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि
- आर्थिक सुधारों के शिल्पकार और सादगी के प्रतीक थे, प्रधानमंत्री मोदी, सोनिया और राहुल ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली : देश ने एक ऐसे नेता को खो दिया, जिन्होंने भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे मनमोहन सिंह को घर पर बेहोश होने के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
दो कार्यकालों तक देश का नेतृत्व करने वाले दूरदर्शी नेता
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 में भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने। मई 2014 तक दो कार्यकाल पूरे करने वाले सिंह न केवल देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे, बल्कि वे भारतीय राजनीति में सादगी और ईमानदारी के प्रतीक माने जाते हैं।
उनके कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ने नई ऊंचाइयों को छुआ। आर्थिक उदारीकरण और नीतिगत सुधारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति में खड़ा किया।
राष्ट्रीय शोक की घोषणा
केंद्र सरकार ने उनके निधन पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन ने हमारे हृदय को गहरी पीड़ा दी है। उनका जीवन संघर्ष, सादगी और सेवा का प्रतीक था। उनका जाना एक राष्ट्र के रूप में हमारे लिए बड़ी क्षति है। भावी पीढ़ियां उनकी दूरदर्शिता और समर्पण से प्रेरणा लेंगी।”
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका सरल व्यक्तित्व और कर्तव्यनिष्ठा हमेशा याद की जाएगी।”
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, “मनमोहन सिंह जी की कर्तव्यनिष्ठा और देश के प्रति समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा। वे एक सच्चे अर्थशास्त्री और सादगीपूर्ण नेता थे। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।”
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन: संघर्ष से सफलता तक का सफर
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। संघर्षों के बीच पढ़ाई करते हुए उन्होंने कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की। 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उनकी आर्थिक नीतियों ने देश को नई दिशा दी। उन्होंने आर्थिक संकट से उबरते हुए उदारीकरण की नींव रखी, जो भारत के आर्थिक इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन केवल एक व्यक्ति का जाना नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति और समाज के एक युग का अंत है। उनका जीवन संघर्ष, सादगी और निष्ठा का अद्वितीय उदाहरण था।
इधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी डॉक्टर मनमोहन सिंह के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि दी, नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी डॉक्टर मनमोहन सिंह के आवास पर जाकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी डॉक्टर मनमोहन सिंह के योगदान और उनके व्यक्तित्व को याद करते हुए, हर कोई उन्हें नमन कर रहा है
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