भाजपा की सांगठनिक तैयारी तेज, दो दर्जन जिलाध्यक्षों के नाम घोषित
- नए चेहरों को मौका और अनुभवी नेताओं पर भरोसा। युवा ऊर्जा और ताजगी लाने की दिशा में भी प्रयास।
Khabari Chiraiya Desk बिहार : बिहार भाजपा ने संगठन में नई जान फूंकने के उद्देश्य से जिलाध्यक्षों की घोषणा का सिलसिला तेज कर दिया है। सोमवार और मंगलवार को दो दर्जन से अधिक सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों के नाम घोषित किए गए। इनमें न केवल नए चेहरों को मौका दिया गया है, बल्कि कई अनुभवी नेताओं पर भी भरोसा जताया गया है। पहली बार जिलाध्यक्ष बनने वाले नेताओं में महिलाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है, जो संगठन में संतुलन और विविधता को दर्शाती है।
52 सांगठनिक जिलों का खाका तैयार, नामों की प्रेस वार्ता से घोषणा
भाजपा ने बिहार में 52 सांगठनिक जिलों का निर्माण किया है, जिनके अध्यक्षों के चयन और मनोनयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस बार केंद्रीय नेतृत्व ने निर्देश दिया है कि जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में प्रेस वार्ता के माध्यम से की जाए। यह प्रक्रिया पहली बार अपनाई जा रही है, जिससे संगठनात्मक पारदर्शिता और संवाद का नया आयाम जुड़ा है।
24 जिलाध्यक्षों के नाम घोषित
सोमवार और मंगलवार को दो दिनों के भीतर कुल 24 जिलाध्यक्षों के नाम घोषित किए गए। सोमवार को 13 नाम सामने आए, जिनमें से नौ नेताओं को दूसरी बार जिम्मेदारी दी गई। मंगलवार को 11 और नाम जोड़े गए, जिनमें नए और अनुभवी चेहरों का संतुलन साफ नजर आया।
दूसरी बार जिम्मेदारी संभालने वाले
किशनगंज में गोपाल मोहन सिंह, अररिया में आदित्य नारायण झा, अरवल में धर्मेन्द्र तिवारी, बांका में ब्रजेश मिश्रा, भोजपुर में दुर्गाराज और नवादा में अनिल मेहता को दूसरी बार जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
नए चेहरों को पहली बार मौका
बगहा में रामेश्वर प्रसाद उर्फ अंचित लाला, शेखपुरा में रेशमा भारती, समस्तीपुर (उत्तरी) में नीलम सहनी, समस्तीपुर (दक्षिणी) में शशिधर झा और मोतिहारी में पवन राज को पहली बार जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
बूथ और मंडल स्तर पर भी मजबूत संगठन
भाजपा ने संगठन को बूथ और मंडल स्तर पर भी मजबूती देने का काम किया है। अब तक 77,392 बूथों में से करीब 55,000 बूथ अध्यक्षों और 1,422 मंडलों में से 1,340 मंडल अध्यक्षों के नाम घोषित किए जा चुके हैं।
भाजपा की यह कवायद न केवल सांगठनिक मजबूती की ओर बढ़ा कदम है, बल्कि नए चेहरों को मौका देकर पार्टी में युवा ऊर्जा और ताजगी लाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। पार्टी की इस पहल से बिहार में भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को नई धार मिलने की उम्मीद है।
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