तिब्बत में भूकंप का कहर: 126 की मौत, सैकड़ों घायल

Khabari Chiraiya Desk : मंगलवार सुबह तिब्बत की धरती पर आई प्राकृतिक आपदा ने हर ओर मातम फैला दिया। स्थानीय समयानुसार सुबह 9:05 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 6:30 बजे) आए 7.1 तीव्रता के भूकंप ने शिजांग क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया। इस भयावह आपदा में 126 लोगों की जान चली गई, जबकि 188 से ज्यादा लोग घायल हुए। भूकंप का केंद्र डिंगरी काउंटी के त्सोगो टाउनशिप में सतह से केवल 10 किलोमीटर नीचे था, जिससे इसका असर बेहद प्रचंड रहा।
भूकंप से व्यापक क्षति, 1000 से अधिक घर जमींदोज
भूकंप के झटकों से डिंगरी काउंटी के 27 गांवों में भारी तबाही हुई। लगभग 6900 की आबादी वाले इस क्षेत्र में 1000 से अधिक घर मलबे में तब्दील हो गए। बुनियादी ढांचा बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो चुकी है। दूर-दूर तक सिर्फ मलबा और तबाही का मंजर नजर आ रहा है।
आफ्टरशॉक्स ने बढ़ाई मुश्किलें
भूकंप के बाद इलाके में 150 से अधिक आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए, जिनकी तीव्रता 4.4 तक रही। इन आफ्टरशॉक्स ने राहत और बचाव कार्यों को और मुश्किल बना दिया। प्रभावित इलाकों में दहशत का माहौल है, और लोग अपने घरों को छोड़कर खुले में रात बिताने को मजबूर हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, बड़ी संख्या में बचावकर्मी तैनात
चीनी प्रशासन ने तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए प्रभावित इलाकों में 3400 से अधिक बचावकर्मियों और 340 चिकित्सा कर्मचारियों को तैनात किया है। बचाव दल लगातार मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। वायुसेना की मदद से राहत सामग्री और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। हालांकि, दुर्गम इलाका और ऊंचाई पर स्थित गांवों तक पहुंचना बचाव दल के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
पर्यटन क्षेत्र बंद, आपातकाल घोषित
चीन की स्टेट काउंसिल ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लेवल-3 आपातकाल घोषित किया है। यह आपातकाल तब लगाया जाता है जब स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं होते। इसके साथ ही माउंट एवरेस्ट के सभी पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया है।
क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप का असर भारत के सिक्किम और उत्तराखंड के कुछ इलाकों के साथ-साथ नेपाल और भूटान में भी महसूस किया गया। हालांकि, इन क्षेत्रों से किसी नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप के केंद्र की उथली गहराई और ऊंचाई पर बसे इलाकों में इसका प्रभाव सबसे अधिक देखने को मिला।
तिब्बत की आबादी पर संकट
डिंगरी काउंटी में भूकंप के झटकों से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 6900 की आबादी वाले इलाके पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस काउंटी की कुल आबादी 61000 से अधिक है। भूकंप से प्रभावित गांवों में रहने वाले अधिकांश लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका
मलबे में अभी भी बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, भूकंप के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू हो गए थे, लेकिन आफ्टरशॉक्स और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के कारण राहत प्रयासों में बाधा आ रही है।
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की जरूरत
तिब्बत में आया यह भूकंप एक बार फिर यह दिखाता है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी की आवश्यकता है। इस विनाशकारी घटना ने न केवल सैकड़ों जिंदगियों को खत्म कर दिया, बल्कि हजारों लोगों को बेघर और बेसहारा कर दिया। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन दुर्गम इलाकों में यह अभियान और अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।
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