प्रयागराज में हरित महाकुम्भ पर्यावरण संरक्षण और अध्यात्म का नया अध्याय लिखने को तैयार

स्वच्छता रथ यात्रा के जरिए जन-जन तक पहुंचाया गया स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
Khabari Chiraiya Desk : प्रयागराज, जहां अध्यात्म और संस्कृति की गूंज हर दिशा में सुनाई देती है, अब पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगा। 31 जनवरी को होने वाले हरित महाकुम्भ में देशभर से 1,000 से अधिक पर्यावरण और जल संरक्षण कार्यकर्ता जुटेंगे। यह आयोजन न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर होगा, बल्कि प्रकृति, स्वच्छता और अध्यात्म का अनोखा संगम भी प्रस्तुत करेगा। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संरक्षण प्राप्त है।
हरित महाकुम्भ केवल एक सभा नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को जन-आंदोलन बनाने की कोशिश है, जहां प्रकृति के पांच तत्वों के संतुलन पर राष्ट्रीय स्तर की चर्चाएं और जागरूकता अभियान होंगे। विशेषज्ञ अपने अनुभव और समाधान साझा करेंगे, जिससे पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान ढूंढ़ा जा सके।
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स्वच्छता रथ यात्रा से जन-जागृति
महाकुम्भ की तैयारी के तहत प्रयागराज नगर निगम ने स्वच्छता रथ यात्रा की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य न केवल महाकुम्भ के दौरान स्वच्छ वातावरण बनाए रखना है, बल्कि लाखों आगंतुकों को स्वच्छता का महत्व समझाना भी है।
प्रयागराज के महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने इसे ‘जन जागरण यात्रा’ का नाम दिया। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि कूड़ा न फैलाएं, कूड़ेदान का उपयोग करें और एकल-प्लास्टिक का त्याग करें। इस पहल को स्थानीय नागरिकों का भारी समर्थन मिला और वे सक्रिय रूप से इसमें शामिल हुए।
नुक्कड़ नाटक और संगीत से गूंजा स्वच्छता संदेश
स्वच्छता रथ यात्रा के साथ-साथ कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक और प्रदर्शन के जरिए गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन के उपयोग की जानकारी दी। वहीं, स्वच्छता-थीम पर आधारित संगीत बैंड ने यात्रा के संदेश को और प्रभावशाली बनाया। सफाई मित्रों और नगर निगम के कर्मचारियों ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और शहर को स्वच्छ रखने के महत्व को रेखांकित किया।
अध्यात्म और पर्यावरण संरक्षण का अनूठा प्रयास
हरित महाकुम्भ एक ऐसा मंच है, जो अध्यात्म और पर्यावरण संरक्षण को एक धागे में पिरोकर प्रस्तुत करेगा। सरकारी एजेंसियां, जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए समर्पित हैं। प्रयागराज में महाकुम्भ न केवल आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति नई जागरूकता का प्रतीक भी होगा।
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