भारतीय मूल के प्रशांत कुमार बने लंदन काउंसलर पद के उम्मीदवार

भारतीय मूल के प्रशांत कुमार
नरेंद्र मोदी और ऋषि सुनक से प्रेरित, भारतीय मूल का नेता ब्रिटिश राजनीति में बना रहा है अपनी अलग पहचान
✍नीरज कुमार✍
भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक बनने की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए, भारतीय मूल के प्रशांत कुमार को लंदन में कंजरवेटिव पार्टी के काउंसलर पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है। यह चुनाव 2026 में होगा और यह उपलब्धि न केवल भारतीय समुदाय बल्कि संपूर्ण भारत के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है।
प्रशांत कुमार ने अपनी यात्रा को भारतीय मूल्यों और संस्कृति के साथ जोड़ते हुए ब्रिटिश राजनीति में एक नई पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने राजनीति में कदम रखा और भारतीय मूल के लोगों की आवाज को ब्रिटिश राजनीति में बुलंद करने का संकल्प लिया है।
भारत से ब्रिटेन तक: प्रशांत कुमार की प्रेरणादायक यात्रा
प्रशांत कुमार का जन्म और प्रारंभिक शिक्षा भारत में हुई। भारतीय संस्कृति और संस्कारों में पले-बढ़े प्रशांत ने अपनी जड़ों से जुड़े रहकर हमेशा सामाजिक सेवा और नेतृत्व का मार्ग चुना। उनका परिवार भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास में लंबे समय से योगदान देता आ रहा है। इन्हीं संस्कारों ने प्रशांत को समाज और राष्ट्र सेवा की प्रेरणा दी।
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद प्रशांत ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी योग्यता साबित की। वे टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का हिस्सा रहे, जहाँ उन्होंने टाटा टी, टाटा नमक और टेटली जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड्स की डेटा और मार्केटिंग रणनीतियों को दिशा दी। अपने पेशेवर जीवन में उन्होंने डिजिटल इनोवेशन और बिजनेस लीडरशिप के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
नरेंद्र मोदी की प्रेरणा
प्रशांत कुमार ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दृष्टिकोण से प्रेरणा लेकर अपने राजनीतिक सफर की नींव रखी। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वे वडोदरा में मोदी के चुनाव अभियान का हिस्सा बने। मोदी जी के डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों ने उन्हें राजनीति में आने और समाज सेवा करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना है कि मोदी जी ने आम भारतीय को यह विश्वास दिलाया कि वह वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है।
ऋषि सुनक का प्रभाव
ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बनने के बाद ऋषि सुनक ने वैश्विक स्तर पर भारतीय समुदाय को नई पहचान दिलाई। प्रशांत कुमार का मानना है कि सुनक ने यह साबित कर दिया कि भारतीयों में नेतृत्व क्षमता की कोई कमी नहीं है। उनकी आर्थिक नीतियां, तकनीकी रुचि और मजबूत नेतृत्व क्षमता प्रशांत को ब्रिटिश राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करती हैं।
भारतीय मूल के प्रशांत कुमार की इस यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि भारत की संस्कृति और मूल्य न केवल देश में बल्कि विश्व मंच पर भी नेतृत्व और सम्मान की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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