प्रधानमंत्री ने कहा, आईएमडी का सफर आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है

पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मौसम विभाग का 150वां स्थापना दिवस पर ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ किया, एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया
Khabari Chiraiya Desk : नई दिल्ली, भारत मंडपम में भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के 150वें स्थापना दिवस पर आयोजित ऐतिहासिक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ किया और ‘आईएमडी विजन-2047’ दस्तावेज़ जारी कर देश को जलवायु के प्रति स्मार्ट बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस मौके पर एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएमडी की 150 वर्षों की यात्रा न केवल करोड़ों भारतीयों की सेवा का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की वैज्ञानिक प्रगति और तकनीकी उत्कृष्टता की गौरवशाली गाथा भी है।
आईएमडी की 150वीं वर्षगांठ : प्रगति और गौरव का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएमडी का सफर आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि डॉपलर रडार, स्वचालित मौसम केंद्र और अन्य तकनीकी नवाचारों ने मौसम विभाग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
‘मिशन मौसम’: आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन से निपटने की तैयारी
‘मिशन मौसम’ का उद्देश्य भारत को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति और अधिक सुदृढ़ बनाना है। यह मिशन अत्याधुनिक रडार, उच्च प्रदर्शन कंप्यूटर और उन्नत वायुमंडलीय निगरानी के जरिए देश को जलवायु के संदर्भ में स्मार्ट राष्ट्र बनाएगा।
वैज्ञानिक नवाचार : नए भारत की पहचान
प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान और नवाचार अब नए भारत की पहचान हैं। उन्होंने मेघदूत ऐप और बिजली गिरने की चेतावनी प्रणाली जैसे कदमों का उल्लेख किया, जो किसानों, मछुआरों और आम नागरिकों को सुरक्षित रखने में सहायक हैं।
पारंपरिक ज्ञान से आधुनिक विज्ञान तक
प्रधानमंत्री ने भारत के प्राचीन ग्रंथों, जैसे कृषि पाराशर और बृहद् संहिता, का जिक्र करते हुए पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में मौसम विज्ञान और खगोलीय गणना की गहरी परंपरा रही है।
‘आईएमडी विजन-2047’: भविष्य के लिए सशक्त रणनीति
‘आईएमडी विजन-2047’ दस्तावेज़ के जरिए 2047 तक भारत को जलवायु के प्रति तैयार और जागरूक राष्ट्र बनाने की योजना बनाई गई है। इसमें उन्नत मौसम पूर्वानुमान, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और आपदा प्रबंधन जैसे बिंदु शामिल हैं।
आपदा प्रबंधन में भारत का नेतृत्व
प्रधानमंत्री ने भारत की आपदा प्रबंधन क्षमताओं की प्रशंसा की और कहा कि आईएमडी की सहायता से न केवल देश में, बल्कि नेपाल, भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को भी लाभ हुआ है। उन्होंने भारत की फ्लैश फ्लड गाइडेंस प्रणाली को वैश्विक सेवा का उदाहरण बताया।
भारत का बढ़ता वैश्विक कद
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की मौसम संबंधी प्रगति ने वैश्विक स्तर पर देश की छवि को और मजबूत किया है। उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि भारत वैश्विक सेवा और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह और विश्व मौसम संगठन के महासचिव समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। आईएमडी की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कार्यशालाओं और विशेष कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी, जो भारत की प्रगति और जलवायु अनुकूलन की दिशा में प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
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