बदनाम और दागदार नामों के चयन और उलहना से बचने के लिए भाजपा ने अपनाई ये रणनीति, जानें…
- विधायक, सांसद और मंत्री अपने-अपने जिलों के जिलाध्यक्षों के नाम सुझाए, अब संगठन के मानिंद बैठक कर उन नामों पर कर रहे मंथन
- काशी और पश्चिम क्षेत्र के बाद अब बारी अवध और गोरखपुर क्षेत्र के जिलाध्यक्षों के नामों के पैनल पर चर्चा की
- मंथन कर यूपी भाजपा के मानिंद तय करेंगे के नाम, दिल्ली लगाएगा मुहर
Khabari Chiraiya Desk : भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि यानी विधायक, सांसद और मंत्री अपने-अपने जिलों के जिलाध्यक्षों के नाम सुझाए और अब संगठन के मानिंद बैठक कर उन नामों पर मंथन कर रहे हैं कि किसकी बात में कितना ओज है, कितनी सच्चाई है, संगठन के कील-कांटे में कौन सा नाम फिट बैठेगा। इसके बाद दिल्ली यानी केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा कि जिलों में संगठन का मुखिया यानी जिलाध्यक्ष कौन होगा…?
सोमवार 13 जनवरी को काशी और पश्चिम क्षेत्र के जिलाध्यक्षों के नामों के पैनल पर चर्चा के बाद अब बारी अवध और गोरखपुर क्षेत्र की है। भाजपा गलियारे में इस बात की चर्चा की है कि काशी और पश्चिम क्षेत्र के जिलाध्यक्षों के नामों पर सहमति बन गई है। अब अवध और गोरखपुर क्षेत्र के नामों पर भी सहमति बनने के बाद चारों क्षेत्रों के जिलाध्यक्षों के नामों की कंपाइल लिस्ट 17 जनवरी को केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लगने के लिए दिल्ली भेजी जाएगी। वहां से हरी झंडी मिलते ही यूपी भाजपा हाईकमान जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा करेंगे।
भाजपा ने 8, 9 और 10 जनवरी तक प्रदेश में जिलाध्यक्षों के पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख मुर्कर की और इन तारिखों पर पूरे प्रदेश से करीब 3 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष बनने के लिए अपनी-अपनी दोवेदारी की। इसके बाद नामों का पैनल तैयार किया गया। चर्चा यह भी है कि भाजपा ने इसबार बदनाम और दागदार नामों के चयन और जनप्रतिनिधियों के उलहना से बचने की तरकीब को भी अपनाया।
इस तरकीब में यह छन कर सामने आया कि भाजपा ने यह तय किया कि इस बार जिलाध्यक्षों के नामों के चयन में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण कर दिया। जिलों के जनप्रतिनिधि यानी विधायक, सांसद और मंत्री की सहमति को अनिवार्य कर दिया, उनसे बकायदा सहमति पत्र लिया और उनकी सहमति को रिकार्ड भी किया ताकि आगे वह किसी भी प्रकार का आरोप प्रत्यारोप न लगा सके। इस वजह से विधायक, सांसद और मंत्रियों के यहां आशीर्वाद दरबार भी लगा। जिलाध्यक्ष की होड़ में लगे कार्यकर्ताओं ने दरबार में पहुंच कर हाजिरी भी लगाई।
तमाम प्रयोगों के बाद अब आने वाला वक्त तय करेगा कि कौन बनेगा भाजपा का जिलाध्यक्ष…?, भाजपा हाईकमान किसकी करेगा ताजपोशी…?, हम भी इंतजार कर रहे हैं और आप भी इंतजार करिए।
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