नतीजे पर पहुंचा संघर्ष समिति का संघर्ष, हटाए गए अधीक्षक

अधीक्षक के हटने के साथ ही संघर्ष समिति के कई डॉक्टर सदस्यों को भी तबादले का फरमान, वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में “अधीक्षक हटाओ अस्पताल बचाओ” संघर्ष समिति का संघर्ष 19वें दिन भी जारी रहा
Khabari Chiraiya Desk : वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में “अधीक्षक हटाओ अस्पताल बचाओ” संघर्ष समिति का संघर्ष शनिवार को नतीजे पर पहुंच गया। शासन ने देर शाम विवादों में घिरे इस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. दिग्विजय सिंह का तबादला कर दिया। शासन ने जनहित का हवाला देते हुए अब इनकी नवीन तैनाती संयुक्त निदेशक, स्वास्थ्य सेवा, महानिदेशालय लखनऊ कर दिया है। शासन ने इनके स्थान पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बाराबंकी डॉ. बृजेश कुमार की नैतानी कर दी है। अधीक्षक के हटने के साथ ही संघर्ष समिति के कई डॉक्टर सदस्यों को भी शासन ने तबादले का फरमान पकड़ा दिया है।

उधर, अधीक्षक दिग्विजय सिंह को लेकर इस बात की भी चर्चा रही कि तबादले की भनक लगते ही जाते-जाते विरोधाभाष में चिकित्सालय से संबंध कई विभागों के कर्मचारियों की संबंधता समाप्त करते हुए उन्हें मूल नैतानी स्थल पर जाने का फरमान जारी कर दिया। इससे शनिवार को चिकित्सालय में काफी गहमा-गहमी का माहौल रहा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय वाराणसी के जिन डॉक्टरों का शासन ने देर शाम तबादला किया, उस तबादला सूची में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉक्टर पवन कुमार को जनपद महराजगंज, चिकित्साधिकारी डॉक्टर कृष्ण कुमार बरनवाल को बलरामपुर, डॉक्टर शिव पूजन मौर्य को श्रावस्ती, डॉक्टर रविन्द्र नाथ सिंह को बांदा जिलाचिकित्सालय और चिकित्साधिकारी डॉक्टर कृष्ण जी को जिला संयुक्त चिकित्सालय अंबेडकरनगर में नवीन तैनाती दे गई है।
इधर, चिकित्साधिकारियों एवं कर्मचारियों के मान-सम्मान को लेकर बनाये गए संयुक्त मंच संघर्ष समिति का विरोध शनिवार को 19वें दिन भी जारी रहा है। आपको बता दें कि संघर्ष समिति के सदस्यों ने वाराणसी डीएम सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को आवेदन देकर अधीक्षक दिग्विजय सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जब तय सतय में यहां से न्याय नहीं मिला तो अपने कार्य के दौरान 31 दिसंबर से काला बिल्ला लगाकर विरेध दर्ज कराया। इसके बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो लामबंद चिकित्साधिकारी और कर्मचारियों ने 3 जनवरी से धरना देकर विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया था। धरने के 10वें दिन यह मामला वाराणसी स्थित पीएमओ कार्यालय पहुंचा और 19वें दिन शासन एक्शन मोड में दिखा। ये बात अलग है कि संघर्ष समिति मांग अधीक्षक को हटाने की कर रहा था, लेकिन अधीक्षक के हटने के साथ ही संघर्ष समिति के कई डॉक्टर सदस्यों को भी तबादले का फरमान पकड़ा दिया गया।
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