October 22, 2025

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गीता प्रेस कैंप में लगी आग, 200 तंबू जलकर राख, 50 लाख से अधिक के नुकसान का अनुमान

गीता प्रेस कैंप में लगी आग का दृश्य।

गीता प्रेस कैंप में लगी आग का दृश्य।

महाकुंभ 2025 : संकट के बीच राहत कार्य शुरू, मुख्यमंत्री ने लिया जायजा

Khabari Chiraiya Desk : प्रयागराज, महाकुंभ 2025, जहां हर कोने से भक्ति की गंगा बह रही थी, रविवार को अचानक संकट का साक्षी बन गया। शंकराचार्य मार्ग पर गीता प्रेस कैंप में लगी आग ने श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मचा दी। सुबह की शांत लहरों के बीच अचानक उठी काली धुआं की परछाई ने आयोजन की भव्यता को चुनौती दे डाली। करीब 200 तंबू जलकर खाक हो गए, जिसमें गीता प्रेस की अमूल्य किताबें और श्रद्धालुओं का सामान भी राख में बदल गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सेक्टर 19 में दो एलपीजी सिलेंडरों के फटने से आग ने विकराल रूप ले लिया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि चारों ओर भगदड़ मच गई। मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस हादसे में एक व्यक्ति झुलस गया, जिसे तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का तुरंत संज्ञान लिया और घटनास्थल का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्यों में कोई ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम भी भेजी कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

घटना के बाद श्रद्धालुओं और आयोजन से जुड़े लोगों में चिंता और भय का माहौल बन गया। खास बात यह रही कि यह घटना उस स्थान से मात्र 500 मीटर की दूरी पर घटी, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज और द्वारका शारदा पीठाधीश्वर स्वामी सदानंद महाराज से मुलाकात प्रस्तावित थी।

इस हादसे में 50 लाख रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। गीता प्रेस की अनमोल पुस्तकें, श्रद्धालुओं के सामान और कैंप की पूरी संरचना इस आग की भेंट चढ़ गई। महाकुंभ प्रशासन ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर घटना को लेकर शोक व्यक्त किया और लिखा, “यह अत्यंत दुखद घटना है। प्रशासन तत्काल राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। हम मां गंगा से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं।”

महाकुंभ, जो 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के पावन स्नान के साथ शुरू हुआ था, में अब तक 7.72 करोड़ श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। रविवार को भी लाखों लोग पवित्र स्नान के लिए पहुंचे थे। लेकिन इस घटना ने आयोजन की चमक पर एक गहरा साया डाल दिया। यह हादसा भले ही कुछ समय के लिए भक्तों के उत्साह को कम कर गया हो, लेकिन महाकुंभ का जोश और श्रद्धा अब भी अपनी जगह कायम है। प्रशासन ने राहत कार्य तेज करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि आगजनी से प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाए।

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