March 7, 2025

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बजट 2025-26 में किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं

निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण

(बजट-2) बिहार में मखाना बोर्ड, कपास उत्पादकता मिशन और किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा में बढ़ोतरी

Khabari Chiraiya Desk : केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट 2025-26 पेश करते हुए कृषि को भारत की विकास यात्रा का प्रथम इंजन करार दिया। उन्होंने कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने, किसानों की आमदनी में सुधार करने और संसाधनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

बिहार में बनेगा मखाना बोर्ड, एफपीओ को मिलेगा बढ़ावा

बिहार के मखाना उत्पादकों को सशक्त करने के लिए सरकार बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना करेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि यह बोर्ड मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और मूल्य संवर्धन के कार्यों में सहायता करेगा। इसके साथ ही, मखाना किसानों को एफपीओ (फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) के तहत संगठित किया जाएगा, जिससे वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।

राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन की शुरुआत

सरकार ने राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन की घोषणा की, जिसका उद्देश्य अनुसंधान को बढ़ावा देना, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल बीजों का विकास करना है। इस योजना के तहत जुलाई 2024 से जारी 100 से अधिक बीज किस्मों को वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध कराया जाएगा।

दूसरे जीन बैंक की स्थापना

भारत की खाद्य और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार दूसरे जीन बैंक की स्थापना करेगी। यह जीन बैंक 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ सार्वजनिक और निजी अनुसंधान को समर्थन देगा और कृषि क्षेत्र में अनुवांशिक अनुसंधान को गति प्रदान करेगा।

कपास उत्पादकता बढ़ाने के लिए पांच वर्षीय मिशन

कपास किसानों की आय बढ़ाने और वस्त्र उद्योग को उच्च गुणवत्ता वाला कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने पांच वर्षीय कपास उत्पादकता अभियान शुरू करने की घोषणा की। इस मिशन के तहत कपास की लंबी रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती को उन्नत किया जाएगा।

किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा बढ़ी

किसानों, मछुआरों और डेयरी उत्पादकों को अल्पकालिक ऋण सुविधा देने वाले किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया। सरकार ने इसे संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत रखा है, जिससे 7.7 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।

असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाला उर्वरक संयंत्र

सरकार ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाले उर्वरक संयंत्र की स्थापना की घोषणा की। इसके अलावा, पूर्वी भारत में तीन निष्क्रिय यूरिया संयंत्रों को पुनः चालू किया जाएगा। इन प्रयासों से यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध हो सकेगा।

अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप में दीर्घकालिक मत्स्य संवर्धन

भारत मत्स्य उत्पादन में विश्व में दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। इसे और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीप समूहों में दीर्घकालिक मत्स्य संवर्धन के लिए नया फ्रेमवर्क लाने की घोषणा की। यह गहरे समुद्रों में टिकाऊ मछली पकड़ने को प्रोत्साहित करेगा और समुद्री खाद्य निर्यात को मजबूत करेगा।

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