अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के बाजरा को मिली बड़ी मान्यता

इटली के रोम में आयोजित कोडेक्स कार्यकारी समिति सत्र में साबुत बाजरा के वैश्विक मानक तय करने में भारत की भूमिका की प्रशंसा
Khabari Chiraiya Desk : भारत के बाजरा उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय खाद्य मंच पर बड़ी मान्यता मिली है। रोम स्थित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) मुख्यालय में 14 से 18 जुलाई के बीच आयोजित कोडेक्स एलीमेंटेरियस आयोग की कार्यकारी समिति (सीसीएक्सईसी88) के 88वें सत्र में साबुत बाजरा के लिए विकसित किए जा रहे समूह मानक पर भारत की अगुवाई की जमकर सराहना की गई।
यह मानक पिछले वर्ष सीएसी47 में स्वीकृत हुआ था और इसकी रूपरेखा अप्रैल 2025 में कोडेक्स समिति ऑन सीरियल्स, पल्सेस एंड लेग्यूम्स (सीसीसीपीएल11) के 11वें सत्र में तय की गई थी। इस कार्य की अध्यक्षता भारत कर रहा है, जबकि माली, नाइजीरिया और सेनेगल सह-अध्यक्ष के रूप में सहयोग कर रहे हैं।
भारत, कोडेक्स कार्यकारी समिति के निर्वाचित सदस्य के रूप में इस सत्र में भाग ले रहा था। उद्घाटन एफएओ के उप महानिदेशक गॉडफ्रे मैग्वेन्ज़ी और डब्ल्यूएचओ के सहायक महानिदेशक डॉ. जेरेमी फरार ने किया। इसमें कोडेक्स अध्यक्ष डॉ. एलन अज़ेगेले, सचिव सारा काहिल और अन्य देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
सत्र में कोडेक्स कमेटी ऑन फ्रेश फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स (सीसीएफएफवी23) के अंतर्गत भारत की अध्यक्षता में किए गए कार्यों की समीक्षा हुई। कार्यकारी समिति ने ताजा हल्दी और ब्रोकली जैसे उत्पादों के लिए मानक तय करने के भारत के प्रयासों की सराहना की। ये प्रस्ताव नवंबर 2025 में आयोजित होने वाले सीएसी48 सत्र में अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे, जिसमें भारत सह-अध्यक्ष की भूमिका में रहेगा।
भारत ने आगामी कोडेक्स रणनीतिक योजना 2026-2031 के तहत स्मार्ट प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) की चर्चा में भी सक्रिय भागीदारी की। भारत ने सुझाव दिया कि संकेतक परिणाम-आधारित, मापनीय और उद्देश्यपूर्ण हों, ताकि रणनीतिक लक्ष्यों की प्रभावी निगरानी संभव हो सके।
क्षेत्रीय सहयोग की दिशा में भारत ने भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और तिमोर-लेस्ते जैसे देशों के लिए एफएओ-मान्यता प्राप्त क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की जानकारी साझा की। साथ ही भारत ने कोडेक्स ट्रस्ट फंड (सीटीएफ) के ज़रिए कम सक्रिय देशों को भी प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के लिए प्रेरित किया। भारत ने इन प्रयासों को रणनीतिक उपलब्धियों के संकेतक के रूप में शामिल करने का भी प्रस्ताव दिया।
इस पूरे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अधिकारियों ने किया, जिन्होंने भारत के हितों को प्रभावशाली ढंग से अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखा।
यह उपलब्धि न केवल भारत के बाजरा उत्पादों को वैश्विक पहचान देने में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि देश के कृषि क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
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