October 22, 2025

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मानसून सत्र @ संसद से मोदी ने सुनाई भारत की नयी महागाथा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मानसून सत्र @ “यह सत्र सिर्फ क़ानून नहीं, आत्मबल, सेना, विज्ञान और एकता का उत्सव है, जहां बंदूकें हारीं, वहां संविधान जीता; जहां संदेह था, वहां अब सम्मान है”

Khabari Chiraiya New Delhi Desk : देश की संसद का मानसून सत्र 2025 सिर्फ बारिश की बूंदों का प्रतीक नहीं, बल्कि राष्ट्र की उपलब्धियों की बौछार बनकर शुरू हुआ। संसद परिसर में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया से रूबरू हुए तो उनके शब्दों में सिर्फ नीति की घोषणा नहीं, बल्कि एक गौरवशाली राष्ट्र का आत्मविश्वास गूंज रहा था। उनके बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह सत्र न केवल विधायी कार्यों का मंच होगा, बल्कि भारत की सैन्य, तकनीकी, आर्थिक और कूटनीतिक उपलब्धियों के सामूहिक उत्सव का प्रतीक भी बनेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सत्र को देश के लिए गर्व और सामूहिक उपलब्धियों का उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि यह समय केवल मानसून का नहीं, बल्कि विजय, विकास और विश्वास का है। इस बार का मानसून न केवल खेतों में हरियाली लाएगा, बल्कि संसद में उम्मीदों का नववर्ष भी लेकर आया है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि इस बार देशभर के जलाशयों में पानी का स्तर पिछले दस वर्षों के मुकाबले तीन गुना अधिक है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था से लेकर राष्ट्रीय विकास तक को नई गति देगा।

प्रधानमंत्री ने भारतीय तिरंगे के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फहराए जाने को हर भारतीय के लिए गौरव की बात बताया। साथ ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र करते हुए बताया कि किस तरह भारतीय सेना ने मात्र 22 मिनट में आतंकवाद के बड़े सरगनाओं को उनके अड्डों पर ढेर कर दिया। यह मिशन 100 प्रतिशत सफल रहा और दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति का लोहा माना। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन की घोषणा उन्होंने बिहार की एक सार्वजनिक सभा में की थी और सेना ने तत्परता से उसे साकार किया।

देश के सामने दशकों से मौजूद आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे आंतरिक संकट अब इतिहास बनते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि नक्सल प्रभावित जिले अब शांति की सांस ले रहे हैं। उन्होंने गर्व से कहा कि जहां पहले लाल गलियारे का डर था, अब वहां हरियाली और उद्योगों की चहलकदमी है। संविधान की शक्ति अब बंदूक की नली से बड़ी बन चुकी है।

प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया की सफलता की झलक दिखाते हुए कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे अधिक रियल टाइम डिजिटल लेनदेन करने वाला देश है। यूपीआई अब केवल भारत तक सीमित नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपनाया जा रहा है। कई देशों में भारत के डिजिटल मॉडल को अपनाने की पहल हो रही है। फिनटेक की दुनिया में भारत ने एक नई परिभाषा गढ़ दी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम में हुई बर्बर आतंकी घटना को याद करते हुए कहा कि उस घटना ने भारत को झकझोर कर रख दिया था, लेकिन उससे भी बड़ी बात थी भारत की एकजुट प्रतिक्रिया। दलगत सीमाएं पार कर सांसदों और राजनीतिक दलों ने मिलकर वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की असलियत उजागर की। इस डिप्लोमैटिक एक्शन ने दुनिया का नजरिया बदला और भारत की भूमिका को और अधिक गंभीरता से लिया गया।

प्रधानमंत्री ने आर्थिक क्षेत्र में भारत की लंबी छलांग का ज़िक्र करते हुए बताया कि एक समय था जब भारत को कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था, लेकिन आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर खड़ा है। 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और महंगाई दर 2 प्रतिशत के आसपास है। यह सरकार की नीति, नीयत और निष्पादन की ताकत का परिणाम है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने यह रिपोर्ट दी है कि भारत में अब 90 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा कवरेज में आ चुके हैं। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित किया है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि संसद में चाहे मतभेद हों, लेकिन देशहित में एक स्वर में बोलना ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने सभी सांसदों से अपील की कि वे राष्ट्रीय मुद्दों पर मिलकर आगे बढ़ें और यह मानसून सत्र आत्मनिर्भर भारत, सैन्य ताकत, विज्ञान और लोकतंत्र के उत्सव के रूप में याद रखा जाए।

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