October 22, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

पेट्रोल की कीमतों में आग लगाएंगे ट्रंप के टैरिफ दांव

Gasoline

रूसी सप्लाई बाधित हुई तो देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में 8 से 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है

Khabari Chiraiya Desk : खबर है कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ दांव पेट्रोल की कीमतों में आग लगाने की है। यदि रूस नहीं झुका तो भारत को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि भारत भी कच्चा तेल का बड़ा खरीदार है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि रूसी सप्लाई बाधित होती है तो देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में 8 से 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है और इसका सीधा असर आम भारतीयों पर पड़ेगा।

यह माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप जब से अमेरिका की सत्ता में लौटे हैं, वैश्विक व्यापार और भू-राजनीतिक समीकरणों में भारी उथल-पुथल मची है। कभी चीन पर टैरिफ का हथौड़ा गिराते हैं तो कभी रूस को युद्ध खत्म करने की समय-सीमा तय कर देते हैं। इस बार उनका निशाना रूस और उससे तेल खरीदने वाले देश हैं, जिनमें भारत भी शामिल है। ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि रूस ने यूक्रेन युद्ध 50 दिनों के भीतर नहीं रोका तो न केवल उस पर बल्कि उससे व्यापार करने वाले देशों पर भी 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा।

रूस नहीं झुका तो भारत को बड़ा झटका

ट्रंप की धमकियों से रूस का झुकना फिलहाल मुमकिन नहीं लग रहा। अगर रूस से व्यापार पर अमेरिकी टैरिफ लागू होता है, तो भारत के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। भारत अपनी जरूरत का करीब 35 से 40 प्रतिशत कच्चा तेल रूस से खरीदता है और कुल मिलाकर 88 प्रतिशत तेल आयात पर निर्भर है। ऐसे में रूसी सप्लाई बाधित होती है तो तेल की वैश्विक कीमतें तेज़ी से बढ़ेंगी और देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में 8 से 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है।

रूस के विकल्प की तलाश में भारत

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने चेताया है कि रूस दुनिया की कुल तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा देता है। यदि यह हिस्सा बाजार से हट गया तो बाकी 90 प्रतिशत हिस्से से वैश्विक मांग पूरी करना असंभव होगा। इसके चलते क्रूड ऑयल की कीमतें 130-140 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं। हालांकि भारत हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठा है। अब वह 40 से अधिक देशों से तेल आयात कर रहा है, जबकि पहले यह संख्या 27 थी। भारत जहां से भी किफायती दरों पर तेल मिलेगा, वहां से खरीद करेगा। लेकिन सस्ते तेल के विकल्प मिलना आसान नहीं होगा।

भारत की दोतरफा चुनौती

भारत इस संकट में दो तरफा दबाव झेल रहा है। एक तरफ रूस के सस्ते तेल से हाथ धोने का खतरा है, दूसरी तरफ अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ता भी अधर में लटकी हुई है। ऐसे में भारत के लिए संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण होगा…न अमेरिका को नाराज़ करना है और न ही अपनी ऊर्जा सुरक्षा से समझौता करना है।

दुनिया के युद्ध का असर आम भारतीय की जेब पर

इस पूरे घटनाक्रम का सीधा असर आम भारतीयों पर पड़ेगा। अगर रूस से तेल की सप्लाई में बाधा आती है, तो न सिर्फ पेट्रोल-डीजल महंगे होंगे, बल्कि माल ढुलाई और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में भी तेजी आएगी। ट्रंप की धमकी ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वैश्विक राजनीति और कूटनीति की गर्मी सीधे आपके घरेलू बजट को झुलसा सकती है।

यह भी पढ़ें… इंडोनेशिया में 300 यात्रियों से भरी नाव में लगी भीषण आग, चीखों से गूंजा समुद्र

यह भी पढ़ें… रूस में एक घंटे में भूकंप के पांच तेज झटके, सुनामी का अलर्ट

आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें…

Advertisements
Cha Ch Cafe
Advertisements
Gulab Ashiyana
error: Content is protected !!