बिहार : गंगा में उफान से बिहार में बाढ़ का संकट गहराया

बिहार : बक्सर से फरक्का तक खतरे के पार जलस्तर, दियारा के इलाके जलमग्न, फरक्का बराज के सभी 108 गेट खोल दिए गए हैं, बक्सर, पटना, मुंगेर और भागलपुर के निचले और दियारा क्षेत्र जल से घिरे
Khabari Chiraiya Bihar Desk : बिहार में एक बार फिर गंगा नदी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इस बार हालात बीते वर्षों से कहीं अधिक गंभीर हैं। गंगा नदी का जलस्तर बक्सर से लेकर फरक्का तक लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे तटवर्ती इलाकों में दहशत का माहौल है। खासकर बक्सर में स्थिति विस्फोटक है जहां नदी का जलस्तर पिछले साल की तुलना में छह मीटर से भी ऊपर पहुंच चुका है। यह बीते 15 वर्षों में जुलाई के महीने में गंगा का सबसे ऊंचा जलस्तर है।
गंगा में बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के प्रयास में फरक्का बराज के सभी 108 गेट खोल दिए गए हैं। इसके बावजूद सोमवार रात तक फरक्का में गंगा का पानी खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बहता रहा। पटना में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जहां नदी मंगलवार शाम तक खतरे के निशान से 43 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज की गई। पटना, मुंगेर और भागलपुर के दियारा क्षेत्र जलमग्न हो चुके हैं और जल का दबाव तटबंधों पर साफ दिख रहा है।
बिहार के लिए खतरा केवल गंगा तक सीमित नहीं है। नेपाल के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कोसी और बूढ़ी गंडक का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। बूढ़ी गंडक खगड़िया में 41 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है जबकि कोसी ने सुपौल और सहरसा में खतरे का निशान पार कर लिया है। यह स्थितियां राज्य के समस्तीपुर, वैशाली, बेगूसराय, कटिहार और भागलपुर जैसे जिलों में भी बाढ़ का खतरा पैदा कर रही हैं।
गंगा के बढ़ते पानी को देखते हुए जल संसाधन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। बक्सर से कहलगांव तक तटबंधों की निगरानी के लिए 600 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही 45 से अधिक कनीय अभियंताओं को सतत निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। विभाग के वरीय अभियंताओं के नेतृत्व में रात्रिकालीन पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी गई है ताकि किसी भी स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया दी जा सके।
फरक्का बराज के गेट खुलने से गंगा का पानी तेज़ी से नीचे की ओर बढ़ा है, लेकिन साथ ही नदी का फैलाव भी अधिक हो गया है। बक्सर, पटना, मुंगेर और भागलपुर के निचले और दियारा क्षेत्र जल से घिर गए हैं। कई गांवों में पानी घुसने से लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। अबतक की रिपोर्ट के अनुसार, गंगा का जलस्तर पूरे राज्य में पिछले साल के मुकाबले दो से छह मीटर तक अधिक है, जो साफ संकेत है कि इस बार की बाढ़ सामान्य से अधिक गंभीर हो सकती है।
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