चीन : 6G की रफ्तार ने चौंकाया दुनिया को, 2 घंटे की फिल्म महज 2 सेकंड में होगी डाउनलोड

चीन ने किया धमाका, 6G नेटवर्क की टेस्टिंग में मिली 280 Gbps की रफ्तार; भारत सहित कई देश अभी तैयारी में ही जुटे हैं
Khabari Chiraiya Desk : खबर तकनकी दुनिया की है, क्योंकि तकनीक की दुनिया में एक नया दौर दस्तक दे रहा है। 5G के बाद अब 6G की आहट सुनाई दे रही है और इसमें चीन ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। चीन की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी चाइना मोबाइल ने हाल ही में 6G नेटवर्क की टेस्टिंग कर दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस परीक्षण में 50 GB की भारी-भरकम फाइल को महज 1.4 सेकंड में डाउनलोड कर लिया गया, जिससे यह साफ हो गया कि 6G नेटवर्क मौजूदा इंटरनेट तकनीकों को काफी पीछे छोड़ने वाला है।
बताया जा रहा है कि यह टेस्टिंग एक सीमित क्षेत्र में की गई थी, लेकिन इसकी सफलता ने भविष्य की झलक दे दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि 6G की रफ्तार इतनी तेज होगी कि आने वाले दिनों में दो घंटे की एक फिल्म भी मात्र दो सेकंड में डाउनलोड की जा सकेगी। यह न केवल मोबाइल नेटवर्क की दिशा बदल देगा, बल्कि वीडियो स्ट्रीमिंग, क्लाउड गेमिंग, वर्चुअल रियलिटी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे क्षेत्रों में भी क्रांति ला सकता है।
280 Gbps की रफ्तार, 5G से 14 गुना तेज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चाइना मोबाइल ने 6G नेटवर्क की टेस्टिंग के दौरान अधिकतम 280 Gbps तक की डाउनलोड स्पीड दर्ज की, जो मौजूदा 5G नेटवर्क से करीब 14 गुना ज्यादा तेज है। यह स्पीड फाइबर ब्रॉडबैंड को भी पीछे छोड़ने में सक्षम है। यानी जिस इंटरनेट स्पीड को पाने के लिए आज लोग वायरलाइन ब्रॉडबैंड का सहारा लेते हैं, वह भी 6G के आगे फीकी लगने लगेगी।
कब तक आएगा 6G?
6G नेटवर्क को लेकर अभी किसी देश ने आधिकारिक लॉन्च डेट की घोषणा नहीं की है, लेकिन अनुमान है कि इसे वर्ष 2030 तक व्यावसायिक रूप से लाया जा सकता है। अमेरिका, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देश इसकी तैयारी में जुटे हैं। भारत भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। केंद्र सरकार ने स्वदेशी 6G नेटवर्क पर काम शुरू कर दिया है। हालांकि भारत में अभी भी बीएसएनएल की 5G सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं, जबकि जियो और एयरटेल ने देशभर में 5G का बड़ा विस्तार कर लिया है।
चीन का बड़ा निवेश, भारत की चुनौती
रिपोर्ट बताती है कि चीन ने 6G टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए अब तक 5.4 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर दिया है। चाइना टेलीकॉम जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में जबरदस्त रिसर्च और डेवलपमेंट पर फोकस कर रही हैं। इसका मकसद है कि 6G की दौड़ में दुनिया के पहले देशों में चीन का नाम शामिल हो।
भारत के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन साथ ही एक अवसर भी है। अगर भारत समय रहते 6G पर ध्यान केंद्रित करता है और घरेलू तकनीक पर भरोसा बढ़ाता है, तो वह वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा सकता है।
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