July 25, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

वर्तनी की गलती ने बिगाड़ा विपक्ष का वार, ‘लोकतंत्र’ की जगह ‘लोकतंत् र’ लिखने पर बीजेपी ने साधा निशाना

संसद का मॉनसून सत्र राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बना है

Khabari Chiraiya Desk : संसद का मॉनसून सत्र राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बन गया है, जहां विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर बना हुआ है। गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने बिहार की वोटर लिस्ट में हो रहे कथित बदलावों के खिलाफ संसद भवन के मकर द्वार पर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस, जेएमएम और अन्य विपक्षी दलों के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस विरोध में भाग लिया, लेकिन प्रदर्शन के दौरान हुई एक चूक ने विपक्ष को खुद हास्य का पात्र बना दिया।

बैनर में वर्तनी की चूक बनी विपक्ष की किरकिरी का कारण

प्रदर्शन के दौरान विपक्षी नेताओं ने जो बैनर थाम रखे थे, उनमें से एक बड़े बैनर पर ‘लोकतंत्र पर वार’ की जगह ‘लोकतंत् र पर वार’ लिखा गया था। इस वर्तनी की गलती ने प्रदर्शन के मूल उद्देश्य को ही हास्यास्पद बना दिया। भाजपा ने इस चूक को भुनाते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला और कहा कि जो लोग ‘लोकतंत्र’ की वर्तनी तक नहीं जानते, वे लोकतंत्र के रक्षक बनने चले हैं।

बीजेपी ने कहा-‘ज्ञान देने से पहले शब्दों की सही पहचान जरूरी’

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सबसे पहले इस गलती की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने इस वर्तनी की अशुद्धि का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए इंडिया गठबंधन पर तंज कसते हुए लिखा-“वह ‘लोकतंत्र’ होता है, ‘लोकतंत् र’ नहीं। जो लोग यह तक नहीं जानते, वे अब लोकतंत्र पर प्रवचन दे रहे हैं।”

वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के बावजूद हुई लापरवाही

इस प्रदर्शन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, गौरव गोगोई और जेएमएम की सांसद महुआ माझी जैसी दिग्गज नेता भी शामिल थीं। इसके बावजूद बैनर पर हुई यह गलती यह सवाल खड़ा करती है कि क्या विपक्ष गंभीर मुद्दों पर प्रदर्शन करते वक्त न्यूनतम सतर्कता भी नहीं बरतता?

सवाल यह नहीं कि विरोध क्यों, सवाल यह है कैसे

यह घटना विपक्ष के उस प्रयास पर सवाल उठाती है जिसमें वह खुद को लोकतंत्र का प्रहरी बताता है। विरोध का अधिकार लोकतंत्र की आत्मा है, लेकिन यदि विरोध ही गलत ढंग से किया जाए या उसमें बुनियादी गलतियां हों, तो उसकी विश्वसनीयता पर असर पड़ता है। भाजपा की प्रतिक्रिया भले ही राजनीतिक हो, लेकिन विपक्ष को भी यह आत्ममंथन करना होगा कि क्या वे जिस उद्देश्य के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं, उसे पर्याप्त गंभीरता से ले रहे हैं या नहीं।

यह भी पढ़ें…बिहार : ‘मुफ्त’ बिजली का वादा चमकदार है, लेकिन सवाल : जब बिजली ही नहीं आएगी, तो फायदा किसे मिलेगा…?

यह भी पढ़ें… भारत-ब्रिटेन के ऐतिहासिक व्यापार समझौते से खुलेंगे अरबों डॉलर के रास्ते

यह भी पढ़ें… बिहार : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी बोले-मेरी हत्या करवाना चाहती है सरकार तो…

यह भी पढ़ें… आज का दिन आपके लिए क्या संदेश लेकर आया है, किस्मत के ताले खुलेंगे या बढ़ेगी उलझन? पढ़िए…

आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें…

error: Content is protected !!