राजस्थान : झालावाड़ में स्कूल की छत गिरी, 5 मासूमों की मौत…30 से ज्यादा घायल

- राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोद गांव में शुक्रवार सुबह बड़ा हादसा हुआ, सरकारी स्कूल की छत गिरने से कक्षा में पढ़ रहे दर्जनों बच्चे मलबे में दब गए
Khabari Chiraiya Desk : राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोद गांव स्थित एक सरकारी स्कूल की छत अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे के वक्त बच्चे कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे। देखते ही देखते कई मासूम मलबे में दब गए। चीख-पुकार मच गई और बच्चों को बचाने पूरा गांव दौड़ पड़ा।हादसा इतना भयानक था कि पांच बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा छात्र-छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से 11 बच्चों को हालत नाजुक देखते हुए झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है। बाकी घायलों का इलाज मनोहरथाना के अस्पताल में चल रहा है।
स्थानीय लोगों और स्कूल स्टाफ ने बिना देर किए राहत कार्य शुरू किया। मलबे में फंसे बच्चों को बचाने के लिए ग्रामीणों ने ईंट-पत्थर हटाए, फिर प्रशासन की मदद से जेसीबी और बुलडोजर बुलाए गए। रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है। हादसे के वक्त कक्षा में सातवीं के छात्र मौजूद थे। वही सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बताया गया है कि स्कूल की छत लंबे समय से जर्जर थी। भारी बारिश के बाद उसकी हालत और खराब हो चुकी थी। इसके बावजूद बच्चों को उसी कमरे में बैठाकर पढ़ाया जा रहा था। यह लापरवाही अब कई मासूमों की जान ले चुकी है।
स्थानीय प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मामले पर गहरी संवेदना जताई है। उन्होंने कहा कि सभी घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर कराया जाएगा। साथ ही, इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी। जिलाधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को मौके पर भेज दिया गया है। मंत्री ने कहा कि इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल प्राथमिकता बच्चों की जान बचाने और घायलों को बेहतर इलाज देने की है।
गांव में मातम पसरा हुआ है। जिन घरों के बच्चे मारे गए या घायल हैं, वहां रो-रोकर परिजनों का बुरा हाल है। पूरा गांव सदमे में है और सरकार से मुआवजा और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है। इस हादसे ने सरकारी स्कूलों की बदहाली और ढांचागत कमजोरियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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