सहकारी समितियों में पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का निर्णय

उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की बैठक संपन्न, पिछड़े वर्गों के आरक्षण, जातियों के सम्मिलन और विकास पर हुई चर्चा
Khabari Chiraiya Desk : खबर राजधानी लखनऊ से है। सोमवार को हुई उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की बैठक में सहकारी समितियों में पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने की। इस अवसर पर उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली, सूर्य प्रकाश पाल, आयोग के अन्य सदस्यगण और सचिव मनोज कुमार सागर उपस्थित रहे।
बताया गया कि बैठक में अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षण, जातियों के सम्मिलन/निष्कासन और उनके समग्र उत्थान एवं विकास से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई। इस चर्चे में सहकारी अधिनियम की धारा 29(5) एवं निर्वाचक नियमावली के नियम 28 के अंतर्गत संचालक पदों पर आरक्षण की वर्तमान स्थिति पर मंथन हुआ। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि सहकारी समितियों में संविधान के अनुरूप अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू कराया जाए।
देववंशी जाति को केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग सूची में सम्मिलित किए जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। जनपद मेरठ के ग्राम पंचाली निवासी मनोज कश्यप एवं उनके परिजनों पर हुए हमले का मामला आयोग के सदस्य रमेश गौड़ कश्यप ने उठाया। बताया कि मेरठ पुलिस प्रशासन ने इस गंभीर मामले पर समुचित कार्यवाही नहीं की। इस पर अध्यक्ष राजेश वर्मा ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए 01 अगस्त 2025 को उपाध्यक्ष सूर्य प्रकाश पाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच समिति को घटना स्थल भेजने का निर्णय लिया।
इसके अतिरिक्त, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण-पत्र की वैधता को लेकर उत्पन्न विभिन्न शंकाओं पर भी बैठक में विचार हुआ। इस विषय में आयोग ने निर्णय लिया कि प्रमुख सचिव, कार्मिक विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के साथ विशेष बैठक आयोजित कर इस मुद्दे पर सम्यक विचार किया जाएगा।
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