October 15, 2025

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श्रीनगर की पहाड़ियों में ‘ऑपरेशन महादेव’ की गूंज, सुरक्षाबलों ने तीन खूंखार आतंकियों का किया खात्मा

  • सेना, आरआर और पैरा कमांडो की संयुक्त कार्रवाई से मिशन को मिली निर्णायक सफलता
  • अमरनाथ यात्रा के दौरान हमला करने की तैयारी कर रहे तीन खतरनाक आतंकियों को सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के हरवान इलाके के लिडवास क्षेत्र में घेरकर मार गिराया

Khabari Chiraiya Desk : जम्मू-कश्मीर की वादियों में सोमवार सुबह आतंक पर कहर बनकर टूटा भारतीय सुरक्षाबलों का ‘ऑपरेशन महादेव’। अमरनाथ यात्रा के दौरान हमला करने की तैयारी कर रहे तीन खतरनाक आतंकियों को सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के हरवान इलाके के लिडवास क्षेत्र में घेरकर मार गिराया। इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित आतंकी हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह के मारे जाने की भी पुष्टि हो रही है। सुलेमान पाकिस्तानी सेना के कैंप में ट्रेनिंग ले चुका था और हालिया पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा था।

सुरक्षाबलों को लंबे समय से इन आतंकियों की गतिविधियों पर संदेह था। खुफिया तंत्र से इनपुट मिलते ही सुरक्षाबलों ने अल्ट्रा-हाई फ्रीक्वेंसी संचार यंत्र T82 अल्ट्रासेट को एक्टिव किया। इसके जरिए आतंकियों की सटीक लोकेशन चिन्हित कर ली गई। इसके बाद सुबह 8 बजे निगरानी ड्रोन लांच किया गया, जिसने लिडवास क्षेत्र की गतिविधियों पर नज़र रखनी शुरू की।

करीब सवा नौ बजे राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) और पैरा स्पेशल फोर्स के जवानों ने संयुक्त रूप से मोर्चा संभाला। सुबह 10 बजे कमांडो टीम महादेव पहाड़ियों पर चढ़ाई कर चुकी थी। केवल आधे घंटे के भीतर आतंकियों की पुख्ता पहचान हो चुकी थी। सटीक जानकारी के आधार पर सुबह 11 बजे मुठभेड़ शुरू हुई। आतंकी पहले से हथियारों से लैस थे और उन्होंने जवाबी फायरिंग की, लेकिन सुरक्षा बलों की रणनीति और ताकत के सामने टिक नहीं सके।

लगभग 45 मिनट तक चली भीषण मुठभेड़ में तीनों आतंकी मारे गए। इनमें एक घायल आतंकी ने बचने के लिए भागने की कोशिश की, लेकिन उसे भी सुरक्षाबलों ने घेरकर ढेर कर दिया। ऑपरेशन की समाप्ति के बाद दोपहर साढ़े 12 बजे से इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू हुआ। बचे हुए विस्फोटक और हथियारों को नष्ट किया गया।

दोपहर 12:45 बजे तक तीनों आतंकियों की पहचान की जा चुकी थी। उनके शवों की तस्वीरें ली गईं और दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई। हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह की मौत को सुरक्षाबलों ने बड़ी कामयाबी माना है क्योंकि वह घाटी में लश्कर की साजिशों को अंजाम देने में सक्रिय था। इस कार्रवाई से अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर लोगों में नया विश्वास जागा है।

ऑपरेशन महादेव को न केवल रणनीतिक सफलता मिली, बल्कि इससे यह भी साबित हुआ कि सुरक्षाबलों की सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया किसी भी आतंकी मंसूबे को नाकाम करने में सक्षम है। यह मिशन आने वाले समय में सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती और इंटेलिजेंस की प्रभावशीलता का भी प्रतीक बन गया है।

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