भारतीय नौसेना : वाइस एडमिरल संजय वात्सायन बने नौसेना के नए उप प्रमुख

Sanjay Vatsayan
तीन दशक से अधिक की सेवा, युद्धपोतों की कमान से लेकर नीति निर्माण तक, हर मोर्चे पर उत्कृष्ट प्रदर्शन, नौसेना के भविष्य को दिशा देने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर
Khabari Chiraiya Desk : भारतीय नौसेना ने आज अपने 47वें उप प्रमुख (वीसीएनएस) के रूप में वाइस एडमिरल संजय वात्सायन, एवीएसएम, एनएम का स्वागत किया। पदभार ग्रहण के अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्प अर्पित कर राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। उनके नेतृत्व से नौसेना को संचालन, रणनीति और स्वदेशीकरण के क्षेत्रों में नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।
वाइस एडमिरल वात्सायन का नौसेना करियर अत्यंत विशिष्ट और विविध रहा है। 01 जनवरी 1988 को भारतीय नौसेना में कमीशन पाने वाले अधिकारी गनरी और मिसाइल प्रणालियों के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे के 71वें कोर्स से शिक्षा प्राप्त की और उसके बाद समुद्र, संचालन और नीति के क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया।
समुद्री सेवाओं में उन्होंने आईएनएस मैसूर, आईएनएस निशंक, आईसीजीएस संग्राम, सी-05, आईएनएस विभूति, आईएनएस नाशक, आईएनएस कुठार और आईएनएस सह्याद्री जैसे अग्रिम पंक्ति के जहाजों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। वे आईएनएस सह्याद्री के कमीशनिंग कमांडिंग ऑफिसर भी रहे। फरवरी 2020 में उन्होंने पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग का पद संभाला और गलवान घटना के बाद संवेदनशील समुद्री संचालन की कमान संभाली।
शैक्षणिक और रणनीतिक योग्यता के मामले में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। वे डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन; नेवल वॉर कॉलेज, गोवा; और प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली के स्नातक हैं। उन्होंने नौसेना मुख्यालय में संयुक्त निदेशक, कार्मिक निदेशक (नीति), नौसेना योजना निदेशक (परिप्रेक्ष्य योजना), और प्रधान नौसेना योजना निदेशक के रूप में भी कार्य किया।
फरवरी 2018 में फ्लैग रैंक पर पदोन्नति के बाद उन्होंने सहायक नौसेनाध्यक्ष (नीति एवं योजना) का पद संभाला और 2021 में उन्हें अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। इसके पश्चात वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के उप कमांडेंट और पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के चीफ ऑफ स्टाफ भी रहे। उन्होंने ईएनसी की ऑपरेशनल तैयारियों, संसाधन विकास और इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार की निगरानी की।
वीसीएनएस बनने से पहले उन्होंने एकीकृत रक्षा स्टाफ में उप प्रमुख (संचालन) और बाद में डीसीआईडीएस (नीति, योजना और बल विकास) के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने तीनों सेनाओं में समन्वय, संयुक्तता और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने वाली महत्वपूर्ण रणनीतियों पर काम किया।
वाइस एडमिरल संजय वात्सायन का पारिवारिक जीवन भी अनुकरणीय है। उनकी पत्नी सरिता के साथ उनका एक पुत्र है, जिसने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है, और एक पुत्री, जो मानविकी में स्नातक है। भारतीय नौसेना को उनके अनुभव, दूरदृष्टि और अनुशासन से नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की उम्मीद है।
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