August 5, 2025

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भारत और फिलीपींस के बीच विज्ञान सहयोग को मिली नई उड़ान

भारत और फिलीपींस

नई विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी रोडमैप पर हस्ताक्षर, 2025-28 के लिए आठ क्षेत्रों में साझा अनुसंधान एजेंडा तय। भू-स्थानिक तकनीक, नीली अर्थव्यवस्था और कृषि जैव प्रौद्योगिकी बने सहयोग के नए फोकस प्वाइंट

Khabari Chiraiya Desk नई दिल्ली : भारत और फिलीपींस के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग को नया विस्तार देने के लिए सोमवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और फिलीपींस के विज्ञान मंत्री डॉ. रेनाटो यू. सॉलिडम जूनियर के बीच एक अहम बैठक हुई। यह मुलाकात भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन आने वाले विभिन्न विभागों की उपस्थिति में नई दिल्ली में सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान दोनों देशों ने वर्ष 2025 से 2028 के लिए एक नए वैज्ञानिक सहयोग कार्यक्रम (Programme of Cooperation – POC) पर सहमति व्यक्त की, जो आठ प्रमुख क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान को दिशा देगा।

बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत और फिलीपींस के बीच वैज्ञानिक साझेदारी को ठोस रूप देने की अपील करते हुए भू-स्थानिक तकनीक और नीली अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों को तात्कालिक प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन, समुद्री संसाधनों के दोहन और पर्यावरण निगरानी में इन तकनीकों के जरिए प्रभावशाली प्रगति की जा सकती है। साथ ही उन्होंने कृषि जैव प्रौद्योगिकी और आपदा जोखिम न्यूनीकरण जैसे क्षेत्रों को सहयोग के नए प्रारंभिक बिंदु के रूप में रेखांकित किया।

मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका लक्ष्य 2030 तक देश का हाई-रिज़ॉल्यूशन स्थलाकृतिक सर्वेक्षण और डिजिटल उन्नयन मॉडल स्थापित करना है। उन्होंने फिलीपींस को इस दिशा में अपने अनुभव साझा करने का प्रस्ताव दिया।

बैठक में दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि POC के तहत न सिर्फ संयुक्त अनुसंधान एवं वैज्ञानिकों के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाएगा, बल्कि गैर-स्वामित्व वाले वैज्ञानिक आंकड़ों को भी साझा किया जाएगा। इसके अलावा सालाना आधार पर दोनों देशों के शोध संस्थानों को साझा परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिनका फोकस व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नई तकनीकों के विकास पर होगा।

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इस बैठक में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन सहित भारत और फिलीपींस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने संयुक्त तंत्र के तहत नियमित बैठकें आयोजित करने पर भी सहमति जताई, ताकि अनुसंधान कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को गति दी जा सके।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह आशा भी जताई कि यह बैठक दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष स्तर की आगामी बातचीत के लिए एक मजबूत वैज्ञानिक आधार प्रदान करेगी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रभावशाली और परिणामोन्मुखी साझेदारी की दिशा को स्पष्ट करेगी। उन्होंने कहा कि इस सहयोग से दोनों देशों की जनता को प्रत्यक्ष सामाजिक और आर्थिक लाभ मिलने की पूरी संभावना है।

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