October 15, 2025

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रूस से यूरेनियम और पैलेडियम खरीद रहा अमेरिका, भारत को नसीहत क्यों…?

  • विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब, भारत ने अमेरिका और यूरोपीय देशों को दिखाया आईना

Khabari Chiraiya Desk : भारत ने रूस से तेल खरीद को लेकर उठे विवाद पर अमेरिका और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ा जवाब देते हुए दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम जैसी रणनीतिक वस्तु की खरीद कर रहा है, लेकिन भारत पर केवल सस्ते तेल खरीदने को लेकर नैतिकता का पाठ पढ़ा रहा है।

प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका अब भी रूस से यूरेनियम का आयात कर रहा है, जिसका उपयोग उसके परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में होता है। इसके साथ ही अमेरिका की इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां रूस से पैलेडियम जैसी कीमती धातुएं खरीद रही हैं, जो ईवी तकनीक में अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अमेरिका अपनी ऊर्जा और तकनीकी जरूरतों के लिए रूस से व्यापार कर सकता है तो भारत की तेल खरीद को लेकर आलोचना क्यों?

विदेश मंत्रालय ने यह भी उजागर किया कि यूरोपीय संघ ने 2024 में रूस के साथ 67.2 अरब यूरो का द्विपक्षीय व्यापार किया है। यूरोप अब भी रूस से खनिज, उर्वरक, लोहा, रसायन और इस्पात का आयात कर रहा है। ऐसे में भारत पर सवाल खड़ा करना सिर्फ राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है, जो स्वीकार्य नहीं है।

भारत की तरफ से यह प्रतिक्रिया डोनाल्ड ट्रंप के ट्रुथ सोशल पर हालिया पोस्ट के बाद आई है। ट्रंप ने कहा था कि भारत रूस से न केवल भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है, बल्कि उसे खुले बाज़ार में बेचकर मुनाफा भी कमा रहा है, इसलिए वह भारत पर 25% आयात शुल्क के साथ अतिरिक्त पेनाल्टी लगाने जा रहे हैं। हालांकि, उस पेनाल्टी की दर क्या होगी, यह अब तक स्पष्ट नहीं किया गया है।

भारत के आर्थिक थिंक टैंक GTRI ने ट्रंप के इन आरोपों को तथ्यों से कोसों दूर बताया है। GTRI के अनुसार, भारत कच्चे तेल का निर्यात बिल्कुल नहीं करता। भारत केवल रिफाइन किए गए उत्पाद, जैसे डीजल, पेट्रोल, जेट फ्यूल आदि का निर्यात करता है जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार मानकों के अनुसार पूरी तरह वैध है।

भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस से तेल खरीद उसकी राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा का हिस्सा है। यूक्रेन युद्ध के बाद जब वैश्विक तेल बाजार असंतुलित हुए और पारंपरिक आपूर्ति चैन यूरोप की ओर शिफ्ट होने लगी, तब भारत ने विकल्प के तौर पर रूस से किफायती तेल खरीद शुरू की। इसका उद्देश्य आम भारतीय नागरिकों को सस्ता ईंधन देना और देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखना है।

डोनाल्ड ट्रंप पिछले कई दिनों से भारत पर हमलावर हैं और लगातार ट्रुथ सोशल पर अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं। भारत ने अब संयम की बजाय तथ्य आधारित, कड़ा और स्पष्ट रुख अपनाते हुए यह संदेश दे दिया है कि वह किसी भी दबाव में नहीं आएगा और अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप फैसले लेता रहेगा।

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