September 5, 2025

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मुंबई: शिल्पा शेट्टी–राज कुंद्रा पर करोड़ों की ठगी का संगीन आरोप

  • मुंबई में हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी केस ने मचाई हलचल, ईओडब्ल्यू की विशेष टीम कर रही है गहन जांच

Khabari Chiraiya Desk : मुंबई की चकाचौंध भरी दुनिया में इस समय एक ऐसा मामला सुर्खियों में है, जिसने फिल्म इंडस्ट्री और बिजनेस जगत दोनों को हिला दिया है। मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति, कारोबारी राज कुंद्रा पर 60.4 करोड़ रुपये की भारी-भरकम ठगी का आरोप लगा है। यह आरोप किसी छोटे-मोटे लेन-देन का नहीं, बल्कि उनकी अब बंद हो चुकी होम शॉपिंग और ऑनलाइन रिटेल कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है। कारोबारी का दावा है कि बिजनेस विस्तार के नाम पर दी गई रकम का इस्तेमाल निजी ऐशो-आराम और खर्चों में किया गया, जिससे पूरा निवेश डूब गया। अब इस हाई-प्रोफाइल मामले की बागडोर मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने अपने हाथ में ले ली है।

कारोबारी ने सुनाई अपनी आपबीती

जुहू के रहने वाले और लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज के डायरेक्टर दीपक कोठारी ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि उनकी मुलाकात शिल्पा और राज से एक व्यक्ति, राजेश आर्या के जरिए हुई थी। उस वक्त यह दंपति बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर थे और कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 87.6 फीसदी थी। कोठारी के अनुसार, दोनों ने उनसे 75 करोड़ रुपये का कर्ज 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर मांगा। कुछ समय बाद यह सलाह दी गई कि रकम को निवेश के रूप में दिखाया जाए, ताकि टैक्स का बोझ कम हो सके। बदले में हर महीने मुनाफा और मूल रकम लौटाने का भरोसा दिया गया।

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करोड़ों के ट्रांजैक्शन और लिखित समझौते

कोठारी ने भरोसा जताते हुए अप्रैल 2015 में 31.9 करोड़ रुपये और सितंबर 2015 में 28.53 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। यह पूरी राशि शेयर सब्सक्रिप्शन और सप्लीमेंट्री एग्रीमेंट के तहत दी गई थी। कारोबारी का कहना है कि अप्रैल 2016 में शिल्पा शेट्टी ने व्यक्तिगत गारंटी भी दी थी, लेकिन महज पांच महीने बाद, सितंबर 2016 में उन्होंने डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया।

दिवालिया और टूटे वादे

कोठारी का आरोप है कि 2017 में कंपनी दिवालिया हो गई, क्योंकि उसने एक अहम समझौते की शर्तों को पूरा नहीं किया। उन्हें यह भी पता चला कि उनके निवेश का बड़ा हिस्सा कंपनी के बजाय व्यक्तिगत खर्चों में लगाया गया। कोठारी के मुताबिक, यह पूरी साजिश सोच-समझकर रची गई थी ताकि उनसे भारी-भरकम रकम निकाली जा सके।

जांच में नए खुलासों की उम्मीद

पहले यह मामला जुहू पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था, लेकिन रकम 10 करोड़ रुपये से अधिक होने के कारण इसे ईओडब्ल्यू को सौंप दिया गया। पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। जांच अधिकारी अब कंपनी के लेन-देन, बैंक खातों और समझौतों की बारीकी से पड़ताल कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस केस में और बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो बॉलीवुड और बिजनेस जगत में हलचल मचा सकते हैं।

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