‘वोटर अधिकार यात्रा’ को लेकर गरमाई बिहार की राजनीति, वोट चोरी के खिलाफ विपक्ष की हुंकार

- राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ लोगों ने आंदोलन को जनआंदोलन का रूप देते हुए इसे लोकतंत्र की लड़ाई बताया।
Khabari Chiraiya Desk: बिहार की राजनीति इन दिनों ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को लेकर गरमाई हुई है। निर्वाचन आयोग के SIR के तहत 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम काटे जाने का आरोप विपक्षी दलों ने गले लगाया है और इसी मुद्दे पर राहुल गांधी ने जनआंदोलन का रूप ले चुकी इस यात्रा की शुरुआत की। बुधवार को यात्रा का 11वां दिन रहा और इस मौके पर मंच से लेकर सड़क तक गहमागहमी देखने को मिली।
मुजफ्फरपुर के बौरार NH-57 से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन यात्रा में शामिल हुए। उनके आने से महागठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला। मंच से उन्होंने राहुल गांधी को “भारत का वकील” बताया और कहा कि जैसे अतीत में बिहार क्रांति का केंद्र रहा है, वैसे ही इस बार भी वोट चोरी के खिलाफ आंदोलन की आग बिहार से उठ रही है।
प्रियंका गांधी ने ली विदाई, नहीं गईं पुनौरा धाम
यात्रा में प्रियंका गांधी भी शामिल रहीं, लेकिन उन्होंने सीतामढ़ी स्थित मां जानकी के पुनौरा धाम जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया। मुजफ्फरपुर से दरभंगा होते हुए वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।
राहुल गांधी का आरोप-गुजरात से शुरू हुआ वोट चोरी का खेल
सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “2014 से पहले वोट चोरी गुजरात में शुरू हुआ। गुजरात मॉडल कोई आर्थिक मॉडल नहीं बल्कि वोट चोरी का मॉडल है, जिसे 2014 में पूरे देश पर थोप दिया गया।” उन्होंने दावा किया कि अब विपक्ष के पास इस खेल के सबूत मौजूद हैं।
तेजस्वी का नीतीश पर सीधा हमला
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि “हमारे चाचा से अब बिहार नहीं संभल रहा है। इस सरकार को उखाड़ फेंकना होगा और एक मजबूत सरकार बनानी होगी।”
जनसमर्थन का नजारा
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का काफिला गायघाट विधानसभा क्षेत्र से होते हुए मुजफ्फरपुर सीमा में प्रवेश किया। जीरोमाइल चौक पर अमर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यात्रा को आगे बढ़ाया गया। मकसूदपुर, मीनापुर, औराई और स्त्रीसैदपुर होते हुए काफिला खनुआ घाट चौक पहुंचा। जगह-जगह नेताओं का फूल-मालाओं से स्वागत हुआ। घोड़े, गाजे-बाजे और वाहनों के लंबे काफिले ने इस यात्रा को उत्सव जैसा बना दिया।
इस तरह 11वें दिन की यात्रा ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर चुनावी रंग भर दिया। विपक्ष का दावा है कि यह सिर्फ यात्रा नहीं बल्कि लोकतंत्र को बचाने का अभियान है।
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