नई दिल्ली : डॉलर की मजबूती से रुपया रिकॉर्ड स्तर पर कमजोर

आरबीआई के हस्तक्षेप के बावजूद हालात संभल नहीं पा रहे हैं और इसका असर आम आदमी की जेब पर साफ दिखने लगा है
Khabari Chiraiya Desk : डॉलर की लगातार मजबूती ने वैश्विक मुद्राओं को कमजोर कर दिया है और भारत भी इससे अछूता नहीं रह पाया। शुक्रवार को रुपया रिकॉर्ड स्तर पर फिसल गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस स्थिति पर बयान देते हुए कहा कि सिर्फ भारतीय रुपये ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों की करेंसी भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई है। यह भी कहा कि डॉलर बहुत मजबूत हुआ है
रुपये की गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हालिया फैसला माना जा रहा है। अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत से निर्यात होने वाले सामानों पर 50 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है। इनमें से 25 प्रतिशत का दंडात्मक शुल्क विशेष रूप से रूस से कच्चा तेल खरीदने पर लगाया गया है। इस कदम का सीधा असर भारत के प्रमुख निर्यात सेक्टरों…जैसे टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, फुटवियर, मशीनरी और केमिकल्स पर पड़ रहा है।
भारत और अमेरिका के बीच 2024-25 में कुल 131.8 अरब डॉलर का व्यापार हुआ है, जिसमें भारत ने 86.5 अरब डॉलर का निर्यात और 45.3 अरब डॉलर का आयात किया। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और ऐसे में टैरिफ का असर न केवल निर्यातकों की कमाई पर बल्कि रुपये की मजबूती पर भी साफ तौर पर दिखने लगा है।
इस बीच रुपये की गिरावट को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी बैंकों के जरिए डॉलर बेचकर हस्तक्षेप किया। हालांकि इस कदम से थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन डॉलर की ताकत के सामने भारतीय मुद्रा को संभालना संभव नहीं हो पाया।
रुपये की कमजोरी का असर आम आदमी की जेब पर भी दिखाई देने लगा है। भारत अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है और रुपये की कमजोरी का मतलब है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें महंगी होंगी। यही नहीं, मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान भी महंगे होंगे, क्योंकि इनके ज्यादातर पार्ट्स बाहर से आते हैं। सोने की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकती हैं, जो फिलहाल 1,07,807 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा चुकी हैं। इसके अलावा विदेश यात्रा और पढ़ाई भी महंगी हो जाएगी, क्योंकि डॉलर के मुकाबले ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे।
हालांकि इस बीच सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए जीएसटी सुधार लागू करने का ऐलान किया है। 22 सितंबर से नया जीएसटी ढांचा लागू होगा, जिसमें करीब 400 चीजों पर टैक्स घटाया जाएगा। दूध, ब्रेड और पनीर जैसी रोजमर्रा की चीजें टैक्स फ्री होंगी, जबकि साबुन, शैंपू, कार, एसी और ट्रैक्टर जैसी वस्तुएं पहले से सस्ती हो जाएंगी। वित्त मंत्री ने दावा किया कि यह सुधार 140 करोड़ भारतीयों को प्रभावित करेगा और हर परिवार को इसका फायदा मिलेगा।
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