नहाय-खाय के साथ जिउतिया व्रत की शुरुआत

Khabari Chiraiya Desk: आस्था और परंपरा का संगम दिखने वाला है। शनिवार को नहाय-खाय के साथ जिउतिया व्रत की शुरुआत हो गई। महिलाएं पूरी श्रद्धा से स्नान कर विशेष भोजन बनाकर ग्रहण कर रही हैं और अगले दिन निर्जला-निराहार उपवास की तैयारी कर रही हैं। यह व्रत संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखा जाता है।
रविवार को सरगही का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य संतोष ने बताया कि रविवार की भोर में 5:53 बजे तक सरगही यानी ओठगन करने का मुहूर्त रहेगा। इसके बाद माताएं पूरे दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए जीवित पुत्रिका व्रत करेंगी। यह व्रत आश्विन कृष्ण अष्टमी को किया जाता है और इसे करने से संतान के जीवन में आयु और सौभाग्य बढ़ने का विश्वास है।
पूजा-विधि और कथा श्रवण का महत्व
रविवार को महिलाएं भगवान जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करेंगी और चील-सियारिन की कथा श्रवण करेंगी। पूजा में खाजा, मिठाई, मौसमी फल और विशेष डलियों का उपयोग किया जाता है। मान्यता है कि विधिपूर्वक यह पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और संतान की रक्षा होती है।
सोमवार को होगा पारण
व्रत का पारण सोमवार सुबह 6:27 के बाद किया जाएगा। इस दिन मातृ नवमी का विशेष महत्व है। ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना जाता है। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी महिलाएं पूरे उत्साह के साथ इसे निभाती हैं।
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