December 22, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

ठिठुरन का अलर्ट, इस साल जमकर पड़ेगी सर्दी

मौसम
  • वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि इस बार ठंडी हवाएं लंबा असर छोड़ सकती हैं। उत्तर भारत में शीतलहर और पाला का प्रकोप सामान्य से ज्यादा हो सकता है

Khabari Chiraiya Desk : भारत में सर्दियों के तेवर इस साल और ज्यादा कड़े हो सकते हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि 2025 के अंत तक ला नीना की वापसी संभव है, जिससे ठंड का असर सामान्य से कहीं अधिक महसूस किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मॉडल्स अक्टूबर से दिसंबर के बीच ला नीना बनने की संभावना 70 प्रतिशत से अधिक दिखा रहे हैं। हालांकि दिसंबर-फरवरी में यह संभावना थोड़ी घटकर लगभग 54 प्रतिशत रह सकती है, लेकिन इसका प्रभाव बरकरार रहेगा।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशांत महासागर फिलहाल तटस्थ स्थिति में है, यानी न तो एल नीनो और न ही ला नीना। लेकिन मानसून के बाद समुद्री सतह का तापमान धीरे-धीरे सामान्य से नीचे जा रहा है। अगर यह गिरावट लगातार तीन तिमाहियों तक बनी रही और -0.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चली गई तो इसे आधिकारिक रूप से ला नीना घोषित किया जाएगा।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ला नीना के सालों में भारत में ठंडक सामान्य से ज्यादा बढ़ जाती है। स्काइमेट वेदर के अध्यक्ष जीपी शर्मा का कहना है कि अल्पकालिक ला नीना एपिसोड की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उनका कहना है कि समुद्र पहले से ही ठंडा हो चुका है बस ला नीना की दहलीज तक पहुंचने की देर है।

हालांकि वैज्ञानिक मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन का असर इस ठिठुरन को पूरी तरह नहीं रोक पाएगा। ऐसे में इस साल ठंडी हवाओं और पाला का असर लंबा चल सकता है। किसानों और आम लोगों को तैयारी अभी से शुरू करने की सलाह दी गई है ताकि ठंड से जुड़े जोखिम को कम किया जा सके।

यह भी पढ़ें… दिशा पाटनी का धमाकेदार कमबैक-न्यूयॉर्क में छाईं ब्लैक क्वीन

यह भी पढ़ें… माता वैष्णो देवी यात्रा पर फिर विराम

यह भी पढ़ें… हिंदी दिवस: अपने ही घर बेगानी हिंदी

यह भी पढ़ें… आज सितारों की चाल से बदलेगा दिन…नई उम्मीदों और अवसरों का संयोग

यह भी पढ़ें… मणिपुर में पहुंचे पीएम मोदी, पेश किया विकास और शांति का नया खाका

आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें..

error: Content is protected !!