पाक-सऊदी रक्षा गठजोड़ से बढ़ी भारत की रणनीतिक चिंता

- अब भविष्य में किसी एक देश पर हमला दोनों पर हमले के समान माना जाएगा। यह कदम भारत की सुरक्षा नीति और कूटनीति के लिए नई चुनौती बनकर उभरा है
Khabari Chiraiya Desk : पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए नए “स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट” ने दक्षिण एशिया की भू-राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। इस समझौते के तहत अगर किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। इसका अर्थ यह है कि पाकिस्तान पर किसी भी हमले की स्थिति में सऊदी अरब भी उसके साथ खड़ा होगा।
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब भारत आतंकवाद को लेकर पहले से ही सख्त रुख अपना चुका है। “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में बदलाव कर कहा था कि भविष्य में किसी भी आतंकी हमले को सीधे युद्ध की स्थिति माना जाएगा और उस हमले के जिम्मेदार देश पर कार्रवाई की जाएगी। भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवाद को पनाह देने, आर्थिक मदद करने और भारत में घुसपैठ कराने का आरोप लगाता रहा है।
कूटनीतिक हलकों में यह सवाल उठने लगा है कि क्या इस समझौते के बाद भारत अब भी पाकिस्तान के खिलाफ उसी कठोर नीति पर कायम रह पाएगा। भारत और सऊदी अरब के बीच अब तक ऊर्जा, निवेश और कूटनीतिक मोर्चे पर मजबूत रिश्ते रहे हैं, लेकिन यह समझौता सऊदी को मजबूर कर सकता है कि वह पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा हो।
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की, चीन और अजरबैजान ने खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन किया था। ऐसे में यह नया गठजोड़ भारत के लिए एक और चुनौती खड़ी कर सकता है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि भारत इस समझौते के राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का गहन अध्ययन करेगा और आगे की रणनीति उसी के आधार पर तय की जाएगी।
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