October 14, 2025

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नागपुर : पहलगाम हमले से मिली सतर्कता की सीख

नागपुर के रेशमबाग मैदान में मोहन भागवत ने कहा, कि अब भारत को और ज्यादा सजग और समर्थ होने की आवश्यकता है, उन्होंने धर्म के आधार पर हुई हत्याओं को देश की एकता के लिए बड़ा खतरा करार दिया, समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी समाज को जोड़ने की जरूरत पर बल दिया

Khabari Chiraiya Desk :  नागपुर के रेशमबाग मैदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर विजयादशमी उत्सव मनाया। सरसंघचालक मोहन भागवत ने शस्त्र पूजा से शुरुआत करते हुए देश की सुरक्षा, सामाजिक एकजुटता और आत्मनिर्भरता को समय की सबसे बड़ी जरूरत बताया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इसने हमें दोस्त-दुश्मन पहचानने का सबक दिया। इस मौके पर मुख्य अतिथि रहे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी संघ की भूमिका को समाज को जोड़ने वाली शक्ति बताया।

पहलगाम हमले से मिली चेतावनी

मोहन भागवत ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को याद करते हुए कहा कि इस घटना ने देश को गहरी चोट दी। हमले के दौरान आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोष लोगों को निशाना बनाया, जिसने सामाजिक ताने-बाने को हिला दिया। उन्होंने इसे एक जघन्य अपराध करार दिया और कहा कि सरकार व सेना ने इसका करारा जवाब दिया है, लेकिन अब भारत को और सतर्क रहना होगा।

दोस्त और दुश्मन की पहचान

भागवत ने कहा कि इस घटना ने स्पष्ट कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमें यह समझना जरूरी है कि कौन हमारे साथ है और कौन हमारे खिलाफ। पड़ोसी देशों की अस्थिरता और हिंसक गतिविधियों का जिक्र करते हुए उन्होंने चेताया कि भारत को अपनी विदेश और रक्षा नीति में सतर्क रहना होगा।

आत्मनिर्भर भारत पर बल

अपने संबोधन में भागवत ने स्वदेशी अपनाने की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक और रक्षा मोर्चे पर आत्मनिर्भर बनना ही भारत की मजबूती है। वैश्विक व्यापारिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी पर निर्भरता को मजबूरी नहीं बनने देना चाहिए। नक्सलवाद और उग्रवाद पर कठोर कार्रवाई की जरूरत को भी उन्होंने रेखांकित किया।

सामाजिक एकता का संदेश

धर्म के आधार पर की गई हत्याओं पर भागवत ने चिंता जताई और कहा कि यह भारत की एकता के लिए खतरा है। उन्होंने समाज में सद्भाव और सहयोग पर जोर दिया और कहा कि विविधताओं को भेदभाव का कारण नहीं बनने देना चाहिए। RSS की शाखाओं को उन्होंने राष्ट्रभक्ति और व्यक्तित्व निर्माण का माध्यम बताया।

रामनाथ कोविंद का समर्थन

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी संघ के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि RSS हमेशा सामाजिक एकता और जातिगत भेदभाव मिटाने का पक्षधर रहा है। कोविंद ने डॉ. हेडगेवार और बाबा साहब आंबेडकर को अपनी प्रेरणा बताते हुए कहा कि संघ का चिंतन देश को एक सूत्र में बांधने वाला है।

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