October 14, 2025

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बिहार चुनाव : अब किसी बूथ पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे

  • बिहार चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने की नई रूपरेखा तय, हर बूथ पर वेबकास्टिंग होगी और मतदान की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए 17 नए प्रयोग किए जाएंगे

Khabari Chiraiya Desk : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग ने राज्य में मिशन मोड पर काम शुरू कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग की टीम दो दिवसीय दौरे पर पटना में है। रविवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव तय समय पर संपन्न कराए जाएंगे। विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, उससे पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सीईसी ने कहा कि चुनाव को पारदर्शी, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए आयोग ने कई अहम कदम उठाए हैं। अब किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। सभी पोलिंग स्टेशनों पर 100 फीसदी वेबकास्टिंग की जाएगी ताकि मतदान की निगरानी सीधे मुख्यालय से की जा सके।

ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार हर मतदान केंद्र पर वोटिंग से पहले मोबाइल जमा करने की व्यवस्था रहेगी। राज्य के सभी 90 हजार से अधिक बूथों पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। बूथ लेवल ऑफिसरों (BLOs) को पहली बार फोटो पहचान पत्र दिए जा रहे हैं, जबकि बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) की ट्रेनिंग दिल्ली में आयोजित की गई है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के शुद्धिकरण पर भी विशेष बल दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार के बूथ लेवल अधिकारियों ने इस अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। करीब 90 हजार से अधिक BLOs ने अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाता सूचियों को अपडेट करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में आयोग 17 नए प्रयोग करेगा, जो आगे पूरे देश में लागू किए जाएंगे। इनमें प्रमुख बदलाव यह है कि ईवीएम पर प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें होंगी, ताकि मतदाता भ्रमित न हों। इसके अलावा वोटर आईडी कार्ड में वोटर आईडी नंबर बड़े अक्षरों में अंकित होगा। अगर किसी बूथ पर ईवीएम काउंटिंग में त्रुटि पाई जाती है तो उस केंद्र के सभी VVPAT पर्चियों की गिनती अनिवार्य रूप से की जाएगी। साथ ही बैलेट वोट की गणना भी अब जरूरी होगी, ताकि परिणामों में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे।

चुनाव आयोग की टीम ने बिहार के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनके सुझाव लिए। इसके अलावा डीएम, एसएसपी, कमिश्नर, आईजी-डीआईजी और सभी प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों के साथ भी बैठक की गई। सीईसी ने कहा कि बिहार की लोकतांत्रिक परंपरा पूरे देश के लिए प्रेरणा रही है। जैसे वैशाली ने दुनिया को लोकतंत्र का मार्ग दिखाया, वैसे ही बिहार के मतदाता इस बार फिर चुनाव को आदर्श बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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