बिहार: विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले पटना मेट्रो शुरू, कल से आम यात्रियों के लिए सफर

- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो का उद्घाटन किया और डिपो से भूतनाथ तक यात्रा की
Khabari Chiraiya Desk : पटना ने सोमवार को अपनी पहली मेट्रो सेवा देखी और वह भी उस दिन जब शाम को चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित करने वाला था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अफसरों के साथ ट्रेन में सफर कर सिस्टम को जनता के लिए हरी झंडी दी। उद्घाटन के साथ ही साफ कर दिया गया कि आम यात्रियों के लिए सेवा मंगलवार, 7 अक्टूबर से उपलब्ध होगी। शुरुआत में आईएसबीटी, ज़ीरो माइल और भूतनाथ स्टेशनों के बीच ट्रेन चलेगी; रेड लाइन के आगे के स्टेशनों-खेमनीचक और मलाही पकरी का संचालन चरणबद्ध तरीके से जोड़ा जाएगा।
परिचालन योजना के अनुसार हर स्टेशन पर लगभग हर 20 मिनट में ट्रेन मिलेगी और रोज़ 40–42 फेरे होंगे। प्रत्येक कोच में मोबाइल-लैपटॉप चार्जिंग, इमरजेंसी पैनिक बटन और नेक्स्ट-स्टेशन डिस्प्ले व ऑडियो अनाउंसमेंट लगे हैं। महिलाओं और दिव्यांगों के लिए 12-12 सीटें आरक्षित रहेंगी। किराए की संरचना आम यात्रियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। एक स्टेशन से दूसरे तक 15 रुपये और पूरे सेक्शन में अधिकतम 30 रुपये। नेटवर्क पूर्ण रूप से चालू होने पर एक ट्रिप में लगभग 900 यात्री सफर कर सकेंगे।
परियोजना का सबसे जटिल हिस्सा बेली रोड का भूमिगत खंड है। कॉरिडोर-1 के तहत पटना जंक्शन से मीठापुर तक 9.35 किमी लंबी सुरंग और छह भूमिगत स्टेशन बन रहे हैं। कुल सुरंग पैकेज पर लगभग ₹2,565.80 करोड़ खर्च का प्रावधान है और 42 महीनों में निर्माण लक्ष्य तय है। फेज-1 में रुकनपुरा, राजा बाजार, चिड़ियाघर और पाटलिपुत्र एलिवेटेड के बाद रुकनपुरा रैंप शामिल है (लागत ~₹1,147.50 करोड़), जबकि फेज-2 में विकास भवन, विद्युत भवन, पटना जंक्शन और विकास भवन-मीठापुर सुरंग (लागत ~₹1,148.3 करोड़) आएंगे। संपूर्ण परियोजना की अनुमानित लागत ₹13,925.5 करोड़ है, जिसमें जेआईसीए, केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी है। रेड लाइन 16.86 किमी और ब्लू लाइन 14.56 किमी के साथ कुल 24 स्टेशन प्रस्तावित हैं; पहले चरण का पूर्ण संचालन 2027 तक लक्षित है।
सुरक्षा व्यवस्था बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस (BSAP) संभालेगी-प्रवेश द्वार से प्लेटफॉर्म तक चप्पे-चप्पे पर तैनाती रहेगी। उद्घाटन में स्वामी मौर्य ने ट्रेन चलाकर महिला सशक्तिकरण का संदेश भी दिया।
चुनावी मौसम की दहलीज़ पर आया यह लोकार्पण सरकार के लिए विकास का ताज़ा प्रमाण और राजनीतिक संदेश-दोनों है। राजधानी की रफ्तार बढ़ाने के साथ यह परियोजना बिहार के शहरी परिवहन को नई दिशा देगी, और आज से ठीक एक दिन बाद जब आम यात्री मेट्रो में सवार होंगे, चुनावी बहस में विकास बनाम वादों का अध्याय और तेज़ हो जाएगा।
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