शंकराचार्य ने शिवहर से किया ‘गौ माता आंदोलन’ का शंखनाद, बोले-अब हर सीट से उठेगा गौ भक्त

- बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर गौ भक्त प्रत्याशी उतारने की घोषणा
Khabari Chiraiya Desk : बिहार की धरती रविवार को एक ऐतिहासिक घोषणा की साक्षी बनी, जब शिवहर से जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने यहां ‘गौ मतदाता संकल्प यात्रा’ के 23वें दिन सनातनी राजनीति का शंखनाद किया। उन्होंने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर गौ भक्त उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे और इस चुनाव का मूल उद्देश्य होगा-“गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाना।”
शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि यह केवल राजनीति नहीं, बल्कि सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प है। गौ रक्षा हमारी आस्था का विषय ही नहीं, बल्कि यह हमारे समाज और संस्कृति की आधारशिला है। जब तक हम गौ माता का संरक्षण नहीं करेंगे, तब तक धर्म और संस्कृति सुरक्षित नहीं रह सकती।
पत्रकारों से बातचीत में शंकराचार्य जी ने बताया कि वे देश की प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों के दिल्ली कार्यालय गए और उनसे यह आग्रह किया कि वे संसद में गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने का प्रस्ताव रखें। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य है कि आज तक किसी भी राजनीतिक दल ने इस गंभीर विषय पर अपना मत स्पष्ट नहीं किया है।” इसी कारण अब वे बिहार की धरती से गौ भक्त प्रत्याशी उतारने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिहार वह राज्य होगा, जहां से सनातन राजनीति की नई शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सत्ता नहीं, संस्कार है। हम गौ माता की रक्षा और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए जन आंदोलन खड़ा करेंगे।
शंकराचार्य जी ने यह भी स्पष्ट किया कि जैसे-जैसे नामांकन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे हर जिले से गौ भक्त उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि वे आगामी चुनावों में केवल उन्हीं प्रत्याशियों को वोट दें, जो गौ रक्षा के मुद्दे पर स्पष्ट और दृढ़ संकल्पित हों।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने शिवहर नगर परिषद कार्यालय में आयोजित सादे किंतु भावनात्मक कार्यक्रम में गौ माता का पूजन किया। नगर सभापति राजन नन्दन सिंह के नेतृत्व में उनका भव्य स्वागत किया गया। वहीं नगर परिषद के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि मोहम्मद हसनैन और मोहम्मद रईस ने भी गौ रक्षा का संकल्प लिया।
सद्गुरु ने कहा कि गाय हमारी माता है और भारत सरकार को चाहिए कि वह गाय को पशु सूची से हटाकर गाय माता का दर्जा दे। उन्होंने मांसाहार, विशेषकर गौ मांस के सेवन को सनातन धर्म के मूल्यों के विरुद्ध बताया और लोगों से इसे त्यागने की अपील की।
शंकराचार्य जी ने कहा-जात-पात का अंत वही कर सकता है, जो पहले अपनी जाति छोड़ने का साहस रखता हो। उनका यह कथन सभागार में गूंज उठा और श्रद्धालुओं ने “गौ माता की जय” के नारों से वातावरण भक्तिमय कर दिया।
कार्यक्रम का समापन गंगा स्तुति और आरती के साथ हुआ। पूरा परिसर भक्ति, आस्था और सनातन चेतना से परिपूर्ण रहा। उक्त जानकारी शंकराचार्य जी महाराज के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने दी।
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