प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-नवाचार, अनुसंधान और उत्पादन की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है

- इंडिया मोबाइल कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की तकनीकी क्षमता और उद्योग जगत के सहयोग की नई दृष्टि प्रस्तुत की
Khabari Chiraiya Desk : इंडिया मोबाइल कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश की तकनीकी क्षमता और उद्योग जगत के सहयोग की नई दृष्टि प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक तकनीकी समाधान देने वाला देश बन रहा है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर युवाओं, स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत को एकजुट होकर भारत को डिजिटल युग की अग्रणी शक्ति बनाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत के पास स्टार्टअप्स की ऊर्जा और स्थापित कंपनियों की स्थिरता का अनोखा संगम है। उन्होंने इसे देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त और टिकाऊ बनाने की दिशा में सबसे बड़ी ताकत बताया। मोदी ने कहा कि स्थापित कंपनियां अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अपनी मजबूत भूमिका निभा रही हैं, जबकि स्टार्टअप्स नई सोच और गति लेकर आए हैं। जब दोनों एक साथ काम करते हैं, तो भारत के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलते हैं।
प्रधानमंत्री ने उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के बीच सहयोग को आवश्यक बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इंडिया मोबाइल कांग्रेस जैसे मंच ऐसे संवाद को आगे बढ़ाने में प्रभावी उत्प्रेरक साबित होंगे।
मोदी ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में हो रहे बदलावों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया और कहा कि जहां-जहां दुनिया को बाधाएं हैं, भारत वहां समाधान प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने सेमीकंडक्टर निर्माण का उदाहरण देते हुए बताया कि पहले यह क्षमता केवल कुछ देशों तक सीमित थी, लेकिन अब भारत इस क्षेत्र में उभरता हुआ खिलाड़ी है। देश में 10 सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों पर काम तेज़ी से चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में भारत की बढ़ती विश्वसनीयता का उल्लेख करते हुए कहा कि अब दुनिया ऐसे साझेदारों की तलाश में है जो न केवल बड़े पैमाने पर उत्पादन कर सकें, बल्कि भरोसेमंद भी हों। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों में यह क्षमता है कि वे वैश्विक स्तर पर डिज़ाइन और दूरसंचार उपकरण निर्माण की अग्रणी बनें।
मोदी ने कहा कि मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में भारत को अब चिपसेट, बैटरी, डिस्प्ले और सेंसर जैसे घटकों के स्थानीय उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेटा का युग तेजी से बढ़ रहा है, और इसी के साथ भंडारण, सुरक्षा और डेटा संप्रभुता जैसे मुद्दे भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि भारत डेटा केंद्रों और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे, तो वह वैश्विक डेटा हब के रूप में उभर सकता है। उन्होंने देश की तकनीकी दिशा को लेकर विश्वास जताते हुए कहा कि आने वाले वर्ष भारत को डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में विश्व नेतृत्व तक पहुंचा सकते हैं।
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडिया मोबाइल कांग्रेस जैसे मंच केवल प्रदर्शनी नहीं हैं, बल्कि नवाचार और आत्मनिर्भरता की नई यात्रा के प्रतीक हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि भारत का भविष्य “साझेदारी, नवाचार और आत्मविश्वास” के तीन स्तंभों पर टिका रहेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और उद्योग जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियां भी उपस्थित थीं, जिन्होंने प्रधानमंत्री की दृष्टि का स्वागत किया और भारत को तकनीकी शक्ति बनाने के संकल्प को दोहराया।
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