भारतीयों के लिए खुशखबरी! H-1B वीजा फीस से मिली बड़ी राहत

- इस कदम से भारतीय कामगारों और विद्यार्थियों की चिंताएं काफी हद तक कम हो गई हैं
Khabari Chiraiya Desk : अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने स्पष्ट किया है कि नई फीस उन लोगों पर लागू नहीं होगी जो पहले से अमेरिका में वैध वीजा पर रह रहे हैं। इसमें F-1 स्टूडेंट वीजा, L-1 इंट्रा-कंपनी ट्रांसफर वीजा और मौजूदा H-1B धारक शामिल हैं। ये लोग जब वीजा रिन्यू या एक्सटेंशन के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें यह भारी फीस नहीं देनी होगी। इसके अलावा, 21 सितंबर 2025 से पहले जमा किए गए किसी भी H-1B आवेदन पर यह नियम लागू नहीं होगा। मौजूदा वीजा धारक अमेरिका के भीतर और बाहर बिना किसी अतिरिक्त रोक-टोक के यात्रा कर सकेंगे। साथ ही, जो छात्र F-1 वीजा से H-1B वीजा में बदल रहे हैं, उन्हें भी फीस से छूट मिलेगी।
भारतीय पेशेवरों को सबसे अधिक लाभ
H-1B वीजा प्रोग्राम में भारतीयों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। फिलहाल लगभग तीन लाख भारतीय इस वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे हैं, जिनमें अधिकांश टेक्नोलॉजी और सर्विस सेक्टर से जुड़े हैं। हर साल 85,000 नए H-1B वीजा में लगभग 70% भारतीयों को मिलते हैं, जबकि करीब 12% चीनी नागरिकों को मिलते हैं। यह वीजा उच्च कौशल वाले विदेशी कामगारों को तीन साल तक अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है, जिसे आगे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। पहले घोषित की गई मोटी फीस से भारतीय पेशेवरों में असमंजस की स्थिति थी, लेकिन नई गाइडलाइन ने राहत पहुंचाई है।
अब चिंता से ज्यादा भरोसे का माहौल
नई नीति के लागू होने से भारतीय छात्रों और टेक एक्सपर्ट्स में भरोसा लौटा है। अब वे बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक बोझ के अपने वीजा का नवीनीकरण कर सकेंगे और अपने करियर की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। नियोक्ताओं और इमिग्रेशन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिका और भारत दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग और रोजगार के अवसरों को नई गति देगा।
यह भी पढ़ें…. भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा
यह भी पढ़ें…. इस बार 23 अक्टूबर को भक्त करेंगे भगवान चित्रगुप्त की आराधना
यह भी पढ़ें…. यूपी : लखीमपुर जिले में पुलिस से न्याय की उम्मीद टूट जाने के बाद परेशान युवक टावर पर चढ़ा
आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें…
